कोई तीज है ना त्यौहार है और ना ही कोई उपवास फिर भी मंदिर में माता का जलाभिषेक करने के लिए महिलाओं के आने जाने का तांता लगा है। जी हां हम बात कर रहे हैं मेरठ के प्राचीन मंदिर भूमिया मंदिर की जहां पर पिछले 36 घंटों से दिन
शिव और सावन दोनं का एक दुसरे से बहुत गहरा संबंध है। सावन के पुरे महिने बादल बरसते रहते है, वहीं शिवपुराण में महादेव के जल अभिषेक का बड़ा महत्व बताया गया है।
आपको बता दें, कि प्राचीन ग्रंथों के अनुसार समुद्र मंथन से विष निकला था। इस विष का शिव
आज सावन का पहला सोमवार है, देशभर के शिव मंदिरों में आज श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहेगी कोई भगवान शिव का जलाभिषेक करेगा तो कोई उन्हें बेलपत्थर चढ़ा कर प्रसन्न करेगा। श्रावण मास होता ही है केवल भक्त और भक्ति का मास, पर इसमें सोमवार का विशेष महत्व है। सोमवार