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पहलगाम हमला: मोदी का बिहार से आतंकवाद पर सीधा प्रहार, देंगे कड़ा संदेश

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पटना:-  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को दो महीने के अंतराल पर बिहार आ रहे हैं। इस दौरान मोदी मिथिलांचल की धरती से दूरगामी संदेश देंगे। साथ ही कई समीकरण साधेंगे। इससे पहले मोदी 24 फरवरी को भागलपुर आए थे। अब राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर मधुबनी जिले झंझारपुर प्रखंड के विदेश्वर स्थान आ रहे हैं। ऐसे में संभव है की मिथिलांचल की धरती से मोदी स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के विषय को अपने संबोधन में समाहित कर सकते हैं। कारण यह है कि पहलगाम में आतंकी हमले के उपरांत मोदी पहली बार सार्वजनिक मंच पर होंगे। ऐसे में आंतकियों को ठौर देने वाले एवं राष्ट्र विरोधियों के विरुद्ध सख्ती दिखाएंगे। वैसे कार्यक्रम का उद्देश्य सीधे तौर पर विधानसभा चुनाव को लेकर मिथिलांचल में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के लिए माहौल बनाना है। डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां गिनानी है। भविष्य की योजनाओं की ओर ध्यान आकृष्ट करना है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, उपमुख्यमंत्री द्वय सम्राट चौधरी एवं विजय सिन्हा मंच साझा करेंगे।

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर भाजपा के साथ ही राजग के अन्य घटक दलों के कार्यकर्ताओं में जोरदार उत्साह है। भाजपा की ओर से पार्टी के दस जिलों के बूथ से लेकर जिला स्तर तक के संगठन पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। इसमें पार्टी के फ्रंटल संगठन (मोर्चा, मंच, प्रकोष्ठ एवं विभागों) के कार्यकर्ताओं को सभा स्थल पर लाने एवं पहुंचाने का संपूर्ण प्रबंध राजग के जनप्रतिनिधियों की ओर की गई है। सीधे तौर पर मिथिलांचल के 10 जिले के 12 सांसद, 70 विधायक, दस विधान पार्षद के अतिरिक्त पूर्व विधायकों को दायित्व दिया गया है। इसके अतिरिक्त नगर निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को कार्यक्रम से सीधे तौर पर जोड़ा गया है। सीधे तौर राजग के विधायक एवं सांसदों को न्यूनतम पांच से दस हजार लोगों को सभा स्थल जुटाने का दायित्व राजग के शीर्ष नेतृत्व की ओर से दी है।

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल को मोदी ग्राम सभाओं को संबोधित करेंगे और विशेष श्रेणी के राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2025 भी प्रदान करेंगे। पहली बार पंचायती राज दिवस को संपूर्ण-सरकार दृष्टिकोण के साथ एक प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में मनाया जा रहा है। इसमें छह केंद्रीय मंत्रालय- ग्रामीण विकास, आवास एवं शहरी कार्य, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, ऊर्जा, रेल और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की सहभागिता सम्मिलित हैं। मोदी इस अवसर पर इन मंत्रालयों से जुड़ी कई प्रमुख परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे एवं शिलान्यास करेंगे। इनमें एलपीजी बाटलिंग प्लांट, विद्युतीकरण परियोजनाएं, आवास योजनाएं, रेलवे अवसंरचना और सड़क विकास आदि प्रमुख हैं, जिनकी लागत लगभग 13,500 करोड़ रुपये है।  कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी) एवं डीएवाई-एनआरएलएम के तहत वित्तीय सहायता भी वितरित की जाएगी। जलवायु सुदृढ़ीकरण, वित्तीय आत्मनिर्भरता और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में कई पंचायतों ने अनुकरणीय प्रदर्शन किया है। पुरस्कार विजेताओं का चयन बिहार, महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और असम से किया गया है।

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