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केंद्र सरकार ने पंजाब को 15 लाख टन धान से इथनॉल बनाने की मंजूरी दी

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चंडीगढ़:- केंद्र सरकार ने 15 लाख टन धान से इथनॉल बनाने की मंजूरी देकर पंजाब को बड़ी राहत दी है। चावल की देशभर से ज्यादा मांग न आने और गोदामों में चावल भरा होने के कारण इस साल धान की मिलिंग धीमी गति से हो रही है। गर्मी बढ़ने के साथ धान की नमी कम हो रही है और धान का भार कम हो रहा है। आने वाले दिनों में इसकी मिलिंग करने से टूटन भी बढ़ेगी जिसका खामियाजा शेलर मालिकों को भुगतना पड़ेगा।

शेलर मालिकों को बड़ी राहत

अब केंद्र सरकार की ओर से धान से इथनॉल बनाने की मंजूरी मिलने से शेलर मालिकों को बड़ी राहत मिली है। यही नहीं, पिछले समय में गोदामों से 15 लाख टन गेहूं को दूसरे राज्यों में भेजने के कारण भी जगह खाली हुई है। यानी आने वाले दिनों में 37-38 लाख टन धान का निपटारा होने का रास्ता साफ हो गया है। पंजाब में पिछले वर्ष अक्टूबर में 170 लाख टन धान की खरीद हुई थी। धान की खरीद को लेकर शेलर मालिकों ने उस समय भी इस बात की आशंका व्यक्त की थी कि गोदामों में जगह न होने के कारण उन्हें मिलिंग के बाद चावल लगाना मुश्किल होगा।

पंजाब राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान तरसेम सैणी का कहना है कि अब तक 40 प्रतिशत धान की मिलिंग हुई है और 60 प्रतिशत धान अभी भी शेलरों में लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ मिलिंग में मुश्किल होगी। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग बेशक यह मान रहा हो कि उन्हें केंद्र से 15 लाख टन धान इथनॉल बनाने के लिए भेजने की मंजूरी मिल गई है लेकिन शेलर मालिक इसे बड़ी राहत नहीं मान रहे हैं।

अप्रैल माह से मंडियों में गेहूं आनी होगी शुरू

गुरदीप सिंह छीना जो कि मंडी गोनियाना में शेलर चलाते हैं का कहना है कि 15 लाख टन धान को उठाना कहना आसान है। अप्रैल माह से मंडियों में गेहूं आनी शुरू हो जाएगी। ऐसे में ट्रांसपोर्ट उस तरफ लग जाएगी,गोदामों से धान को उठाने के लिए ट्रांसपोर्ट मिलनी ही मुश्किल हो जाएगी। पिछले सप्ताह इसी समस्या को लेकर शेलर मालिक मुख्य सचिव केएपी सिन्हा से भी मिले थे। उन्हें अपनी समस्या से अवगत करवाया था।

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