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5 या ज्यादा बार चालान कटवाने वाले अब नहीं करवा पाएंगे वाहन का बीमा और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट

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जिन लोगों के पांच या इससे ज्यादा बार चालान कटे हैं, अब ऐसे लोग अपने वाहनों का न तो बीमा करवा पाएंगे और न ही पॉल्यूशन सर्टिफकेट जारी करवा पाएंगे। प्रशासन के ट्रांसपोर्ट विभाग ऐसे वाहन चालकों का नान बी ट्रैन्जेएट (लेन-देन न करने) की सूची में शामिल कर दिया है। केंद्र सरकार का यह नियम है कि जिन वाहन चालकों के लिए चालान जुर्माने के लिए पेंडिंग है, उन्हें इस सूची में शामिल कर दिया जाए। प्रशासन ने इस नियम को चंडीगढ़ में लागू करते हुए ऐसे वाहन चालकों को इस सूची में शामिल कर दिया है। जिससे अब इस वाहन से संबंधित कोई भी लेन-देन नहीं हो सकता।
सिर्फ रोड टैक्स को छोड़कर अन्य किसी भी प्रकार का लेन-देन नहीं हो सकता। ऐसे में अब ऐसे चालक अपने वाहन का बीमा और पॉल्यूशन नहीं करवा पाएंगे। हर वाहन के लिए छह महीने बाद प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य है। ऐसे वाहनों का अब लेन-देन भी नहीं हो पाएगा। ऐसे चालकों पर तभी पाबंदी हटेगी जब वह चालान के जुर्माने का भुगतान करेंगे।
शहर में ऐसे एक लाख 43 हजार लाइसेंस है, जिनका पांच या इससे अधिक बार चालान कटा हुआ है। इनमें हजारों चालक ऐसे भी है, जिनके 20 से ज्यादा बार चालान कटा हुआ है। आरएलए कार्यालय ने इन वाहन चालकों को पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी कर चुका हैं, जिनकी समय सीमा खत्म हो गई है। कईयों ने अभी तक जवाब नहीं दिया है।
जबकि अब अगली कार्रवाई ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से लाइसेंस रद्द करने के अलावा उनके वाहन का पंजीकरण खारिज करने की जाएगी, जिसके लिए विभाग कानूनी राय ले रहा है। अब ऐसे वाहनों के स्वामित्व हस्तांतरण, पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) का नवीनीकरण, डुप्लीकेट जारी करने, प्रदूषण प्रमाणपत्र और बीमा जैसी सेवाओं पर रोक लग गई है जब तक कि चालान निपटा नहीं दिए जाते।
कई लोगों के आए जवाब
पंजीकरण कार्यालय के अनुसार नोटिस जारी कर चालकों को अंतिम मौका दिया गया है। इस समय कई लोगों ने जवाब दिया कि उनके यहां पर जिस वाहन चालक के नाम पर नोटिस भेजा गया है, वह यहां पर नहीं रह रहा है। इसके अलावा यह भी जवाब आया कि उन्होंने अपना वाहन आगे बेच दिया है।
शहरवासी ऐप पर देख सकते हैं स्टेटस
मालूम हो कि शहरवासी वाहन ऐप डाउनलोड करके अपने चालान का स्टेटस भी चेक कर सकते हैं। जिस व्यक्ति का ऑनलाइन चालान कटता है, उन्हें ट्रैफिक पुलिस की ओर से मोबाइल पर मैसेज भेजकर इसकी जानकारी भी दी जाती है। ट्रासपोर्ट के निदेशक प्रधुमन सिंह का कहना है कि जिन लोगों के पांच या इससे ज्यादा बार चालान कटे हैं, ऐसे लोगों को केंद्र सरकार के नियम के अनुसार नान बी ट्रैन्जेएट की सूची में शामिल कर दिया गया है। ऐसे में चालक अपने वाहन के लिए कुछ नहीं कर सकते हैं।
ट्रैफिक पुलिस ने पिछले साल काटे 10 लाख से ज्यादा चालान
सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ में ट्रैफिक पुलिस ने पिछले साल 10 लाख से ज्यादा चालान काटे। पुलिस द्वारा काटे गए इन चालानों में 7.5 लाख से ज्यादा चालान का जुर्माना वसूल ही नहीं हो पाया। साल 2024 में कुल 10,15,518 चालान काटे गए। इनमें से सिर्फ 2,61,586 चालान का ही भुगतान हुआ। पुलिस को इन चालानों से 22,78,43,950 रुपये की कमाई हुई।
ट्रैफिक पुलिस द्वारा किए गए चालान ज्यादातर रेड लाइट जंप करने, तेज रफ्तार और गलत पार्किंग जैसे नियमों के उल्लंघन के लिए काटे गए। महिला चालकों और पीछे बैठने वालों को भी हेलमेट न पहनने के लिए बड़ी संख्या में चालान काटे गए। पुलिस की वेबसाइट पर सिर्फ 75 तरह के ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन बताया गया है, जबकि चालान 121 तरह के उल्लंघनों के लिए काटे गए।
44,564 महिलाओं को पीछे बैठकर हेलमेट न पहनने के लिए चालान काटे गए। 6,870 महिलाओं को दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट न पहनने के लिए चालान काटे गए। प्रशासन ने नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर को निर्देश दिया है कि इस तरह का सॉफ्टवेयर में संशोधन किया जाए। जिससे पांच या इससे ज्यादा बार चालान कटने वाले प्रमाणपत्र जारी न करवा सके। पॉल्यूशन और वाहन बीमा का प्रमाणपत्र न होने पर ट्रैफिक पुलिस दस हजार रुपये का चालान काट सकती है।

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