Naresh Tomar (लखनऊ )::- विधानसभा चुनाव के और उससे पहले योगी सरकार छुट्टा जानवरों के मुद्दे पर घीरी हुई थी. तब विपक्ष से सरकार पर लगातार इस मुद्दे को लेकर सवाल कर रहा था. जिसके बाद चुनाव में बीजेपी के ओर से कहा गया था कि अगर राज्य में दोबारा सरकार बनती है तो हम छुट्टा जानवरों को कम करने पर ध्यान देंगे. अब सरकार ने छुट्टा जानवरों को लेकर बड़ा फैसला किया है।
क्या हुआ फैसला?
यूपी में पशुओं को अब छुट्टा छोड़ने वालों के खिलाफ अब एक्शन की तैयारी हो गई है. सरकार ने फैसला किया है कि अब पशुओं को छुट्टा छोड़ने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा. यूपी के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने इस संबंध निर्देश दे दिए हैं. इसमें कहा गया है कि पशुओं को छुट्टा छोड़ने वालों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज होगा. वहीं यूपी में सड़कों पर घूम रहे 3 लाख से ज्यादा छुट्टा पशुओं को आश्रय स्थल भेंज दिया जाएगा।
ट्वीट कर दी ये जानकारी
दिसंबर तक सभी छुट्टा पशुओं को आश्रय स्थल भेंजेने का फैसला किया गया है. मंत्री ने कहा है कि छुट्टा पशुओं को लेकर सरकार सख्त है. सरकार के पास राज्य में अभी 6222 आश्रय स्थल हैं. जहां करीब 8.5 लाख गायों को रखा गया है। मंत्री ने ट्वीट कर लिखा, “ग्रामीण इलाकों में निराश्रित और आवारा पशुओं की बड़ी समस्या अब खत्म होने वाली है. इसके लिए योगी सरकार ने योजना बना ली है. दिसंबर 2022 तक निराश्रित पशु सड़कों, खेतों और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं दिखाई पड़ेंगे. इसके लिए विकास खंड स्तर पर कान्हा पशु उपवन का निर्माण शुरू किया गया है।