अमित कुमार (बलिया):–‐एक तरफ उत्तर प्रदेश में भूमाफियाओं पर योगी सरकार में बाबा का बुल्डोजर चल रहा हैं तो दूसरी तरफ योगी के सरकार में बलिया के मनियर थाना क्षेत्र के ककरघट्टा गांव के दियारे में धड़ल्ले से अवैध कच्ची शराब की फैक्ट्रीयां चल रही हैं। अवैध शराब की फैक्ट्री पर आज ग्रामीणों ने हमला बोल दिया। ग्रामीणों के हमले को देख शराब माफियां मौके से फ़रार हो गए। और ग्रामीणों ने लगभग सैकडों कच्ची शराब की भट्ठियों को तोडफ़ोड़ दिया। और हजारों लीटर कच्ची शराब को भी नष्ट कर दिया। कच्ची शराब की लागत लगभग दस लाख रुपये तक की बताई जा रही हैं। ग्रामीणों की माने तो रिस्तेदार अब गांव में आते ही नही हैं और नही कोई बेटो की शादी करने आ रहा हैं। रिस्तेदार तो गांव तक आ रहे हैं लेकिन जब सुन रहे है कि इस गांव में शराब की फैक्ट्रियां चल रही हैं तो गांव के बाहर से ही चला जा रहा है.
बलिया जनपद के मनियर थाना क्षेत्र के ककरघट्टा खास गांव के दियारे में लगभग दो वर्षों से चल रही अवैध कच्ची शराब की सैकड़ो फैक्ट्रीयों के सैकड़ो भट्ठियों पर हमला बोल दिया जहाँ तीन दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने भट्ठियों पर जाकर तोड़फोड़ की। मौके पर सैकड़ो भट्ठियों को तोड़ते नजर आ रहे हैं। वही मौके से शराब माफियां ग्रामीणों को देख फ़रार हो गए। अवैध शराब की लागत लगभग दस लाख रुपये तक बताई जा रही हैं।
एक तरफ सरकार कच्ची शराब को लेकर हर माह अभियान चलाकर अवैध शराब को नष्ट किया जा रहा हैं और अभियुक्तो के खिलाफ कार्यवाही कर रही हैं लेकिन वही बलिया में अवैध कच्ची शराब की फैक्ट्री को लगभग दो वर्षों से चल रहे होने के बाद भी कार्यवाही नही हो रही हैं तो यूपी सरकार पर सवालियां निशान खड़ा हो रहा है। जहां एक तरफ कच्ची शराब से लोगो की मौत हो रही हैं वही बलिया के मनियर थाना में कच्ची शराब की फैक्ट्री चल रही है अब देखना होगा कि क्या योगी सरकार में इन शराब माफियाओं पर बाबा का बुल्डोजर चलेगा या ऐसे ही कच्ची शराब की फैक्ट्रियां चलती रहेगी।अब तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
– ज़रा इन तस्वीरों को देखिये ये ग्रामीण अवैध कच्ची शराब की फैक्ट्रियों को नष्ट करने के बाद मौके से एल्मुनियम की पतेली और लगभग तीन नलकूप को लेकर अपने अपने घरों को जा रहे हैं । जहां शराब के ख़िलाफ़ जिला प्रशासन को कार्यवाही करनी चाहिए थी वही अब अवैध शराब के ख़िलाफ़ ग्रामीणों ने इसकी बीड़ा उठाई हैं।हालांकि ग्रामीणों ने यह आरोप लगाया हैं कि यहाँ दो वर्षों से अवैध शराब की फैक्ट्री चल रही हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्रो में छोटे छोटे बच्चे पढ़ने तक नही जा रहे हैं सभी बच्चे इसी में लगे हुए हैं। बच्चे कच्ची शराब के आदि हो गए हैं। अब कोई रिस्तेदार तो गांव तक आ रहे हैं लेकिन जब सुन रहे है कि इस गांव में शराब की फैक्ट्रियां चल रही हैं तो गांव के बाहर से ही चला जा रहा हैं। अब बेटों की शादियां करने में भी कठिनाइयां आ रही हैं।