naresh tomar
निर्भय के वकील एपी सिंह ने दावा किया है कि दोषियों के पास अभी भी फांसी से बचाने के लिए कानूनी विकल्प बचे हुए हैं. उनके मुताबिक अक्षय की ओर से दोबारा दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी गई है. पहली याचिका 20 तारीख को भेजी गयी थी. लकिन अब उसमें सुधार कर राष्ट्रपति को दोबारा भेजा जायगा। जो याचिका जेल प्रशासन को भेजा था अब जेल प्रशासन अक्षय की दया याचिका को लेकर टालमटोल कर रहा है.
एसपी सिंह ने बताया कि अदालत की सुनवाई के दौरान उन्होंने 377 पेज की दया याचिका को 25 फरवरी को जेल प्रशासन के पास भेज कर जेल की मोहर लगवाई थी. लेकिन जेल प्रशासन ने याचिका के साथ क्या किया। इसके बारे में उनके पास कोई जवाब नहीं है. इस बारे में कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने 29 फरवरी को राष्ट्रपति के पास याचिका भेजी। वहां से भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है.
एसपी सिंह ने बुधवार को पवन की दया याचिका खारिज कर दी गई. उसके अगले ही दिन जेल प्रशासन डेथ वारंट के लिए अदालत पहुंच गए. क्या वह मौत के साए में दया याचिका खारिज होने के खिलाफ फिर गुहार लगाएंगे। मानव अधिकार संगठन दोषियों के मेंटल स्टेटस की मांग कर रहा है. जेल प्रशासन इसे देने से इंकार कर रहा है. इन सब मुद्दों को लेकर एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटायागे। और दोषियों की सजा पर रोक लगाने की कोशिश करेंगे।