अभी 2 दिन पहले मध्यप्रदेश में दिग्विजय सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे. इसमें दिग्विजय सिंह ने संकट मोचन हनुमान की भूमिका अपनाते हुए कमलनाथ सरकार को संकट से बचा लिया।
मध्य प्रदेश के कमलनाथ सरकार को 22 घंटे के चले सियासी ड्रामे के बाद छह संदिग्ध बागी विधायक पार्टी में लौट आए हैं.कांग्रेस के बड़े नेताओ ने बीजेपी पर कमलनाथ सरकार को गिराने का आरोप लगते रहे।
घटनाक्रम में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की भूमिका अब विवादों के घेरे में आ गई है. केंद्र और राज्य की राजनीति गलियारों में ऐसी चर्चा गर्म है. दिग्गी राजा राज सभा जाने के लिए मध्यप्रदेश में सरकार गिराने की पूरी साजिश की पटकथा लिख डाली। इस साजिश के पीछे 22 घंटे तक लगतार चलता रहा। तर्क यह दिया दिए जा रहे था की हॉर्स राइडिंग की गयी हे बीजेपी के दुवारा। जिसमे 6 विधायकों के नाम सामने आ रहे हैं. उनमें दो विधायक दिग्गज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बेहद करीबी है.
विधायकों में बिषहु सिंह और इंदल सिंह कसाना शामिल है.विशाल अभी तक 5 बार कांग्रेस के विधायक रह चुके। विशाल गुलाल पूर्व दिग्विजय सिंह सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री, ऊर्जा मंत्री, और आदिवासी विकास मंत्री, रह चुके हैं। बिसाहू लाल मंत्री नहीं बनाए जाने पर पहले से ही मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज चल रहे हैं. इंदल सिंह कसाना भी दिग्विजय सिंह के बेहद करीबी है. और पूर्व की दिग्विजय सिंह सरकार में बेहद शक्तिशाली मंत्रियों में से कसाना भी एक थे। कसाना भी मंत्री नहीं बनाए जाने पर नाराज हैं.
दिग्विजय सिंह बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए. मीडिया के सामने आए वही जब यह बात खुलकर सामने आई कि 6 विधायकों का हॉर्स राइडिंग खुद पूर्व मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश दिग्गी राजा द्वारा किया गया. इसके उनके पार्टी के ही नेताओं ने खुलकर इशारा किया। . यह कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ज्योतिरादित्य सिंधिया को राजसभा भेजना चाहते हैं। जिसको लेकर दिग्विजय सिंह काफी नाराज है। इसके लिए वह इस तरह के आरोप लगाकर हड़कंप मचा रहे हैं. राज्य में कांग्रेस के 121 विधायक हैं वही बीजेपी के साथ विधायक है और बीजीपी के विधायकों का आंकड़ा 116 है. राज सभा जाने के लिए सूत्रों के अनुसार अपनी ही सरकार को इस तरह गिराने का मामला सिर्फ दिग्विजय सिंह ही कर सकते हैं.