नरेश तोमर, परियों की कहानियां बचपन में तो आपने बहुत सुनी और पढ़ी होगी। यदि आपको कहा जाए कि परी कहीं और नहीं यहीं बसती हैं तो आप यकींन नहीं करेंगे। लेकिन आज भी उत्तराखंड के टिहरी क्षेत्र में एक ऐसा पर्वत है जहां के बारे में मान्यता है कि यहां परियां वास करती हैं।
देवभूमि उत्तराखंड के टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक में खैट पर्वत एक ऐसा ही स्थान है जिसके बारे में कहा जाता हे कि यहां आज भी परियों की एक ऐसी दुनिया बसती है जो उनके लोक का एहसास करवा देती है। थात गांव से 5 किमी की पैदल की दूरी पर स्थित खैट पर्वत धार्मिक रहस्यों की ऐसी जीती जागती जगह है जहां आज भी अनेक रहस्य छुपे हुए है।
पर्वत पर बसा हैं संसार
परियों को स्थानीय भाषा में आछरी कहा जाता है उनका इस पर्वत पर एक ऐसा संसार बसता है की यदि किसी पर भी उनका मन मोहित हो गया तो उसको वह अपने साथ अपने लोक लेकर चली जाती है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार खैट पर्वत की 9 श्रंखलाओं में 9 देवियों का वास माना जाता है जिन पर अदृश्य रूप से ये 9 देवियां विराजमान हैं। गढ़वाल क्षेत्र में इन वनदेवियों को आछरी और मांतरी के नाम से जाना जाता है।
यहां उगी फल सब्जी यहीं पर खाने योग्य
इस पर्वत की एक हैरान करने वाली बात है कि यहाँ उगने वाले फल और सब्जियां सिर्फ यही पर खाने योग्य रहते है यदि आप इनको अपने साथ ले गए तो फिर यह खाने योग्य नही रहते। खैट पर्वत पर तेज आवाज करना और चटकीलें कपड़े पहनकर जाना आज भी पूरी तरह से प्रतिबंधित है यदि इसका अनुसरण नही किया तो फिर खैट पर्वत पर आपके साथ कोई भी अनहोनी हो सकती है।