संसद में गुरुवार को तीन तलाक बिल पर हंगामे के आसार हैं। भाजपा तीन तलाक बिल को लोकसभा में पेश करने जा रही है। सरकार और विपक्ष के बीच इस विधेयक पर पिछले सप्ताह सदन में चर्चा के लिए सहमति बनी थी। बीजेपी और कांग्रेस ने लोकसभा के अपने सदस्यों को व्हिप जारी करके चर्चा के दौरान सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा चुकी हैं। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण (तीन तलाक) विधेयक पहले लोकसभा में पारित हो गया था, लेकिन राज्यसभा में यह पारित नहीं हो सका।संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने बताया कि 27 दिसंबर को तीन तलाक बिल पर एक अध्यादेश लोकसभा में बिल के रूप में पेश किया जाएगा। इसलिए भाजपा सांसदों को व्हिप जारी किया गया है।गौरतलब है कि मोदी सरकार तीन तलाक बिल को पिछले साल लाई थी, बिल लोकसभा में चर्चा के बाद पास भी हो गया था।लेकिन कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के विरोध के चलते वह बिल राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था।
क्या हैं तीन बदलाव
पहला संशोधन
पहले का प्रावधान- इस मामले में पहले कोई भी केस दर्ज करा सकता था। इतना ही नहीं पुलिस संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर सकती थी।
अब संशोधन के बाद– अब पीड़िता, सगे रिश्तेदार ही केस दर्ज करा सकेंगे।
दूसरा संशोधन
पहले का प्रावधान-पहले गैर जमानती अपराध और संज्ञेय अपराध था। पुलिस बिना वॉरंट के गिरफ्तार कर सकती थी।
अब संशोधन के बाद- मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा।
तीसरा संशोधन
पहले का प्रावधान- पहले समझौते का कोई प्रावधान नहीं था।
अब संशोधन के बाद-मजिस्ट्रेट के सामने पति-पत्नी में समझौते का विकल्प भी खुला रहेगा।