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कश्मीरी छात्रों से इल्जाम नहीं हटे तो, बारहसौ कश्मीरी छात्र छोड़ देंगे यूनिवर्सिटी

कश्मीरी छात्रों से इल्जाम नहीं हटे तो, बारहसौ कश्मीरी छात्र छोड़ देंगे यूनिवर्सिटी

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अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आतंकी मन्नान वाणी के मारे जाने के बाद केम्पस में पहले जनाजे नमाज पढ़ने की कोशिश और फिर सोशल मीडिया में वायरल आजादी के नारों के वीडियो के बाद अलीगढ पुलिस ने दो नामजद छात्रों सहित कुछ अज्ञात छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।  ये सभी कश्मीरी छात्र हैं। जिस तरह से पिछले तीन दिनों में काश्मीरी छात्रों के अचानक ख़ुफ़िया तंत्र और पुलिस के रडार पर आने से खुद कश्मीरी छात्र चिंतित हैं।  AMU छात्र संघ के उपाध्यक्ष रहे सज्जाद सुभान राथर खुद कश्मीर से हैं।

आज कुछ कश्मीरी छात्रों ने प्रॉक्टर कार्यालय में प्रॉक्टर से मुलाक़ात की।  इस से सम्बंधित एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।  इसमें सज्जाद सुभान राथर कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि मारने और मरवाने में क्या फर्क है।  सामने से कोई अधिकारी कह रहा है की आपने जो कहना था कह दिया आपका टाइम ओवर। आई विल डू माय वर्क। सज्जाद ने कहा ये डाइवर्स कल्चर में रह रहे हैं ,दुसरे स्टूडेंट को उकसा रहे हैं की कश्मीरियों को मारो।  प्रॉक्टर समर्थन दे रहा है बाकी लोगों को । उसके बाद सामने बैठा अधिकारी उनसे जाने की कहता है।  सज्जाद हाथ जोड़ कर उठ जाते हैं। सज्जाद सुभान राथर ने एक पत्र भी प्रॉक्टर को दिया है जिमसे कश्मीरी छात्रों की तरफ से सफाई दी गई है।

सज्जाद सुभान राथर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देखिये बहुत ही अफ़सोस की बात है की जो कश्मीर के छात्र AMU में पढ़ रहे हैं उनको इस्तेमाल किया जा रहा है। मन्नान वाणी के मारे जाने की जो खबर आई थी उस पर ये आरोप लगाए गए कि AMU में पढ़ रहे छात्रों ने गायबाना नमाज पढ़ने की कोशिश की।  ये सब बेबुनियाद है।  यहाँ के लोकल राजनेता और प्रशासन कश्मीरियों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं की ये आतंकवादी हैं या इस तरह की हरकत कर रहे हैं। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। किसी ने भी नमाज नहीं पढ़ी थी। हां कुछ लोग इस खबर के बाद वहां इकठ्ठा हुए थे। वो डिसकस कर रहे थे की वहां क्या हुआ।  जिन दो लड़कों के ऊपर आरोप हैं उनको मेने खुद वहां भेजा था की वहां लड़कों से बात करो। कोई हरकत ना करे।  नारेबाजी के वीडियो पर सज्जाद ने कहा की मुझे नहीं लगता कोई नारेबाजी हुई हो। ये वीडियो फोटोशॉप भी हो सकता है। ऐसा कोई सबूत भी नहीं है। प्रशासन ने जो FIR की है वो गलत है।  में उनसे कहना चाहूंगा की आपके पास क्या सबूत है।  किस तरह से छात्रों पर देशद्रोह का चार्ज लगाया। इस तरह से कश्मीरी छात्रों को इस्तेमाल कर उनको आतंकी बनाने पर मजबूर किया जाता है। वो लड़के डर कर घर भाग गए। पता नहीं वो क्या करेंगे। परसों एक लोकल नेता ने कहा की जितने भी कश्मीरी छात्र हैं उनको बाहर निकालो। कहीं ना कहीं कश्मीरी लड़कों में डर का माहौल है की उन पर मोब अटेक ना हो। उन्होंने सर सय्यद डे यानी सत्रह अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया है कि जितने भी बेबुनियाद इल्जाम है अगर वो नहीं हटे तो हम पूरे बारहसौ छात्र अपनी डिग्री सरेंडर कर घर जाएंगे।  हम यहाँ इन सिक्योर फील कर रहे हैं।

प्रॉक्टर ऑफिस का वायरल हो रहे वीडियो पर सज्जाद ने बताया की हमने प्रॉक्टर को बताया था की जिन लड़कों का आपने नाम दिया है वो यहाँ के छात्र नहीं है। जिन छात्रों को सो कॉज नोटिस दिया उनमे से पांच छह छात्र यहाँ के है ही नहीं। उन्होंने तीन साल पहले डिग्रीयां ली हैं। उधर अलीगढ शहर विधायक ने AMU मसले पर कहा कि जो नारे लगा रहे हैं उन पर कार्यवाही की जा रही है। अलीगढ विश्वविद्यालय हिंदुस्तान का एक अंग है और उसमे किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दास्त नहीं की जायेगी।  हम उन अराजक तत्वों को बताना चाहते है की उत्तर प्रदेश में योगी की सरकार है और इस सरकार में उनकी जगह कहाँ है आप समझ रहे हैं ना।

अजय कुमार अलीगढ़
हिंद न्यूज टीवी

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