चुनाव आयोग ने शानिवार को पांच राज्यों के चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया। इसके बाद से ही इन राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई। आचार संहिता लागू होते ही इन राज्यों में सभी राजनेतिक पार्टियों प्रचार शुरू कर दिया हैं। इन पांचों राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम बीजेपी और कांग्रेस के लिए काफी अहम होने वाले है। लेकिन इन राज्यों में हुए सर्वों ने बीजेपी को परेशानि में जाल दिया हैं। दरअसल, तमाम सर्वे एक ही तरफ इशार कर रहे है जिसमें बीजेपी की सत्ता में वापसी काफी मुश्किल नजर आ रही हैं।
मध्यप्रदेश का सर्वे
मध्यप्रदेश में बीते 15 सालों से बीजेपी सत्ता में है लेकिन इस बार उसकी वापसी आसान नहीं लग रही। एबीपी-सी वोटर का सर्वे बता रहा है कि राज्य के अधिकतर लोग बीजेपी को चौथी बार सरकार में नहीं देखना चाहते। लेकिन बीजेपी के लिए अच्छी बाच यहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अभी भी लोगों की मुख्यमंत्री के तौर पर पहली पंसद हैं। राज्य में ऐसे कई मुद्दे है जो बीजेपी के खिलाफ जा रहा हैं। सबसे बड़ा मुद्दा तो एससी एसटी एक्ट का है।
पार्टी | 2013 विधानसभा की स्थिति | एबीपी-सी वोटर सर्वे का अनुमान |
भाजपा | 165 | 108 |
कांग्रेस | 58 | 122 |
कुल सीट | 230 | 230 |
सर्वे के मुताबिक तो बीजेपी सत्त गवाती नजर आ रही है लेकिन अब देखना मजेदार होगा की बीजेपी सत्ता में वापासी कर पाती है या नहीं।
राजस्थान का सर्वे
राजस्थान में वैसे तो एक बात देखने को मिलती है कि हर पांच साल में वहां सत्ता में परिवर्तन होता है। लेकिन ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि मुख्यमंत्री पद पर काबिज व्यक्ति को लोग कम पंसद करे। एबीपी-सी वोटर के सर्वे में एक बात गौर करने वाली है तो यह कि राज्य में मुख्यमंत्री के तौर पर पहली पंसद सचिन पायलट हैं। राज्य के 36 फीसदी लोग सचिन पायलट को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। वहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को महज 27 फीसदी लोग मुखयमंत्री के पद पर दोबारा सत्ता सीन देखना चाहते हैं।
पार्टी | 2013 विधानसभा की स्थिति | एबीपी-सी वोटर सर्वे का अनुमान |
भाजपा | 163 | 56 |
कांग्रेस | 21 | 142 |
कुल सीट | 200 | 230 |
राज्य में सत्ता परिवर्तन हर बार होता है यह बात बीजेप शीर्ष नेतृत्व अच्छी तरह जानता है इसलिए बीजेपी की तरफ से खुद उनके स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैदान में उतर चुके हैं। ऐसें में सबसे दिलचस्प राजस्थान के नतीजे होगें। क्योंकि देखना होगा कि क्या अभी भी मोदी मैजिक बरकरार है या फिर 2014 के मुकाबले इसमें कोई कमी आई हैं।
छत्तीसगढ़ का सर्व
मध्यप्रदेश की तरह है छत्तीसगढ़ भी बीजेपी का 15 सालों से अभेद किला रहा है। कांग्रेस राज्य में 15 सालों से वनवास काट रही है लेकिन इस बार उसके लिए अच्छी खबर है कि उसकी सत्ता में वापसी दिख रही हैं। लेकिन कांग्रस के लिए मुसीबत की बात यह है कि उसने अभी तक मुख्यमंत्री पर का उम्मीदवार घोषित नहीं किया हैं। वहीं कांग्रेस से अलग हुए अजीत जोगी जनता की दूसरी पंसद है लेकिन इन दोनों में दोगुना से ज्यादा का अंतर है। राज्यों के लोग अभी भी रमन सिंह को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं।
पार्टी | 2013विधानसभा की स्थिति | एबीपी-सी वोटर सर्वे का अनुमान |
भाजपा | 49 | 40 |
कांग्रेस | 39 | 47 |
कुल सीट | 90 | 90 |
अजित जोगी का कांग्रेस से अलग होने के बाद मायावती से साथ हाथ मिलाने के बाद राज्य में कांग्रेस के लिए काफी मुश्किल खड़ी हो सकती है वहीं बीजेपी के लिए राहत देने वाली बात यह है कि अजित जोगी के अलग होने से उसे इसका फायदा हो सकता है।