नई दिल्ली। राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ पता नही चलता, मौका देखतें ही नेता अलग-अलग रास्तें पर निकल पड़ते है। ऐसा ही कुछ हो रहा है कांग्रेस के महागठबंधन में, खबर है कि बसपा सुप्रीमों मायावती ने कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए अलग चुनावी मैदान में कुदने का इरादा बना लिया है। मायावती ने कांग्रेस का इस साथ इस समय छोड़ा है जब मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने वाले है। मायावती के इस फैसले से उम्मीद लगाई जा रही है कि साल 2019 में लोकसभी चुनाव में कांग्रेस की मुश्किल बढ़ सकती है।
मायावती ने महागठबंधन का साथ छोड़ा मगर साथ ही कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना भी साधा, मायावती ने साफ शब्दों में ऐलान कर दिया है कि इन जगहों पर कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। बीएसपी सुप्रीमो ने कांग्रेस पर उनकी पार्टी को खत्म करने की साजिश का भी आरोप लगाया है। माया के हमलों ने 2019 के आम चुनावों से पहले विपक्षी एकता और यूपी में महागठबंधन की कवायद को भी ढेर कर दिया है।
मायावती ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह बयान के संदर्भ बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मायावती ने दिग्विजय सिंह को संघ का एजेंट बताते हुए कहा कि सोनिया और राहुल गांधी के ईमानदार प्रयासों के बावजूद उनके जैसे कुछ नेता नहीं चाहते कि कांग्रेस-बीएसपी गठबंधन हो। मायावती ने दिग्विजय के बयान के बहाने पूरी कांग्रेस पार्टी की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। आपको बता दें कि दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में कहा था कि मायावती सीबीआई के डर से गठबंधन में शामिल नहीं हो रही हैं।