नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिन के दौरे पर गुरुवार को भारत आ रहे हैं। पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19वीं भारत-रूस सालाना द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लेंगे। अमेरिकी धमकी और दबाव से बेपरवाह भारत और रूस शुक्रवार को करीब 5 अरब डॉलर अमेरिकी डॉलर के एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम सौदे पर सहमति की मुहर लगाएंगे। रूसी संसद (क्रेमलिन) के एक टॉप अफसर ने कहा है कि भारत दौरे में पुतिन पांच अरब डॉलर (करीब 37 हजार करोड़ रुपए) के एस-400 डिफेंस सिस्टम के करार पर दस्तखत कर सकते हैं। उम्मीद है कि 5 अक्टूबर को दोनों नेता संयुक्त बयान भी जारी करें। गौरतलब है कि इसी सौदे के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अगले साल गणतंत्र दिवस मुख्य अतिथि भारत आने का फैसला ठंडे बस्ते में चला गया है।
सूत्रों का कहना है कि एस-400 सौदे पर मुहर के बाद भारत ट्रंप के दौरे के लिए नए सिरे से कोशिश करेगा। 5 अक्टूबर को रूस के राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के बीच होने वाली द्विपक्षीय वार्ता के जरिए भारत यह संदेश देगा कि अमेरिका से बढ़ती नजदीकी के बावजूद उसके लिए रूस की अहमियत कम नहीं हुई है। गौरतलब है कि अमेरिका से बढ़ती नजदीकी के कारण कुछ वैश्विक मुद्दों पर भारत को रूस का पहले की तरह खुला समर्थन हासिल नहीं हुआ था। अगर भारत को एस-400 डिफेंस सिस्टम मिलता है तो यह काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) का उल्लंघन माना जाएगा। इसके तहत अमेरिकी संसद (कांग्रेस) ने रूस से हथियार खरीदने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। हालांकि, कुछ अमेरिकी सांसदों का कहना है कि इस मामले में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से विशेष छूट मिल सकती है।