नई दिल्ली :अक्टूबर यानी “स्तन कैंसर जागरूकता माह” प्रतिवर्ष इस माह में स्तन कैंसर के बारें में लोगों को जागरूक करने के लिए कई अभियान चलाये जाते हैं।स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला बड़ा कैंसर है। सबसे ज्यादा मृत्यु स्तन कैंसर से ही होती है पूरे विश्व में अक्टूबर माह स्तन कैंसर जागरूकता के लिए मनाया जाता है। जागरूकता इसलिए करना चाहते हैं क्योंकि स्तन कैंसर से बचाव के लिए कोई भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। स्तन कैंसर को लोग जाने, उसका इलाज क्या है ये सब जानकारी प्राप्त कर सकें।
“बीमारी का जल्दी जानकारी होना, रोकथाम की कुंजी है।”
स्तन कैंसर : कैंसर का सबसे प्रचलित रूप स्तन कैंसर है।स्तन कैंसर, कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्तन के भीतर गांठ बनने लगती है। यदि इस रोग का जल्दी पता नहीं लगाया जाता हैं, तो यह रोग जीवन के लिए प्राणघातक हो सकता हैं तथा यह रोग शरीर के अन्य भागों में भी फैलने लगता हैं।यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह सामान्यत: चालीस वर्ष की आयु से ऊपर की महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाता है। स्तन कैंसर विकसित होने की औसत उम्र में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। अब यह रोग पचास से सत्तर वर्ष की बजाए तीस से पचास वर्ष में विकसित हो जाता हैं।
कैसे पहचाने स्तन कैंसर
1-स्तन में गांठ आ जाती है ।
2-गांठ के साथ त्वचा में कोई बदलाव आ जाता है ।
3-त्वचा पर कोई लाल पन आ जाये या कोई घाव हो जाये ।
4-स्किन अन्दर को धंस जाये ।
5-निपल अचानक से धसना शुरू हो जाएं ।
6-निपल से खून आने लगे ।
7-निपल के आस-पास छाले पड़ जाते हैं ।
8-कांख में किसी प्रकार की गांठ आ जाये ।
स्तन कैंसर की रोकथाम के लिए सुझाव:
*अपने स्तनों का स्वयं परीक्षण करना बहुत ही आवश्यक है। महिलाओं को सामान्य रूप से अपने स्तन को कैसे देखें और महसूस करें? इसके बारें में जानकारी होनी चाहिए। यदि आप अपने स्तनों में किसी भी तरह का बदलाव महसूस करती हैं, तो तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
*चालीस वर्ष से अधिक आयु वर्ग की महिलाओं को अपने स्तनों की मैमोग्राफी करवाने की सलाह दी जाती है। मैमोग्राफी एक सरल रेडियोग्राफिक तकनीक है, जिसके माध्यम से स्तन के ऊतकों में होने वाली अनियमितताओं का पता लगाने में मदद मिलती है।
*अपने आहार में सब्जियों और फलों को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करें, क्योंकि यह शरीर के स्वस्थ वज़न को बनाए रखने में मदद करते है।
*स्तनपान कराने वाली माताओं को कम से कम एक वर्ष तक अपने शिशुओं को स्तनपान करवाने की सलाह दी जाती हैं।
*धूम्रपान न करें या ज़रूरत से ज़्यादा शराब का सेवन न करें।
स्तन परीक्षण के बारें में जागरूकता आज के समय की मांग हैं। योग्य चिकित्सक द्वारा नियमित रूप से, बीस वर्ष की आयु से अपने स्तनों की स्क्रीनिंग अवश्य करवानी चाहिए, ताकि बीमारी का जल्दी पता लगाया जा सकें तथा बीमारी का सफलतापूर्वक उपचार भी किया जा सकें।