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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सोमवार को दावा किया कि कांग्रेस पार्टी ने फ्रांस के साथ राफेल सौदे को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को मध्यस्थ नहीं बनाया तो डील तोड़ दी गई थी।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि इस बात का बदला लेने के लिए, कांग्रेस राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा अंतिम सौदे में दलाली की बात कहकर सौदे को तोड़वाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस राफेल सौदे में एक मध्यस्थ के रूप में हथियार डीलर संजय भंडारी और रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी बनाने का इरादा रखती थी। लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, तो उन्होंने इस सौदे को तोड़ दिया और अब वे इसके द्वारा अंतिम सौदे को खतरे में डालकर बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं।
शेखावत ने आगे आरोप लगाया कि कांग्रेस राफेल सौदे का राजनीतिकरण कर रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने के लिए विदेशी ताकतों की मदद ले रही है।
बता दें, यूपीए सरकार द्वारा पहले की गई वार्ता को रद्द करने के बाद 2016 में एनडीए सरकार ने 58,000 करोड़ विवादास्पद समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
यूपीए की मूल योजना फ्रांस के डेसॉल्ट एविएशन से 18 ऑफ द शेल्फ जेट खरीदने के लिए थी, जिसमें 108 अन्य लोग बेंगलुरू में राज्य संचालित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा भारत में इकट्ठे हुए थे।
गौरतलब है कि फ्रांसीसी मीडिया हाउस के एक साक्षात्कार में, पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बाद राफेल विवाद पर दावा किया कि फ्रांस सरकार के पास रिलायंस डिफेंस को डेसॉल्ट एविएशन के लिए ऑफसेट पार्टनर के रूप में चुनने का कोई दूसरा विकल्प नहीं था।