अलीगढ़:एएमयू एमबीबीएस में बिना अभ्यर्थियों को सूचित किये 10 एडमिशन को इंटरनल करने का लगा आरोप, गैर जनपदों से अभ्यर्थी एएमयू में आये हुए हैं काउंसलिंग के लिए।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एमबीबीएस में फाइनल काउंसिलिंग के लिए आये स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि 10 सीटों पर इंटरनल अभ्यर्थियों को हि लिया गया। यहां एडमिशन लेने आए छात्रों व उनके परिवार के लोगों ने कहा 10 सीटों में से 7 सीटों पर एक्सटर्नल, 2 सीटों पर फिजिकल हैंडीकैप व 1 सीट पर इंटरनल का प्रावधान था। एएमयू ने पक्ष रखते हुए बताया मेडिकल काउंसिलिंग कमेटी (एमसीसी) के अनुसार ही एडमिशन की प्रक्रिया पूरी की गई है, एएमयू का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है, छात्रों को अगर कोई शिकायत है तो वह एमसीसी में जाकर शिकायत कर सकते हैं। वहीं पीड़ित अभ्यर्थी और परिजनों ने इसके खिलाफ कोर्ट जाने की कही बात, सभी का भविष्य को लेकर रो-रोकर बुरा हाल, अलग-अलग प्रान्त से आये अभ्यर्थी एएमयू।
एएमयू में एमबीबीएस एडमिशन काउंसलिंग के लिए अलग-अलग प्रांतों से अभ्यर्थी और उनके परिजन पहुंचे हुए हैं, लेकिन उनको एएमयू के अंदर आने के बाद पता लगा की उनको एडमिशन काउंसलिंग में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जिस पर उन्होंने एएमयू इंतजामिया से बात की जहां से उन्हें असफलता हाथ लगी, और ऑफिस के बाहर निकलते ही अभ्यर्थी और परिजन टूट गए, जिसके चलते उनका रो रो कर बुरा हाल हो गया, जिनकी साफ तौर से बस एक ही बात जुबान पर रखी हुई थी कि काउंसलिंग के ठीक 1 दिन पहले यहां बचे हुए सभी 10 एडमिशन को इंटरनल कर दिया गया, जिसकी हमें कोई सूचना नहीं दी गई, अगर हमें पहले अवगत करा दिया गया होता तो वह एएमयू न आकर बीएचयू में अपना भविष्य तलाशते, कहीं ना कहीं एएमयू ने उनके साथ धोखा करते हुए अंधेरे में रखा है, जिसकी शिकायत को लेकर सभी लोग कोर्ट में जाएंगे वही कहना है कि क्या एक गरीब परिवार का बच्चा एमबीबीएस कर के डॉक्टर नहीं बन सकता है।
हिंद न्यूज टीवी के लिए अलीगढ़ से अजय कुमार