बात करते है बलिया जनपद की जहां आये दिन होने वाली आपराधिक मामलो के बढ़ने से पुलिस महकमा अपना आपा खोता जा रहा है ।गरीबो के प्रति पुलिसियां अत्याचार को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने वाले पत्रकारों को अब गरीबों को प्रताड़ित करने के आरोपी पुलिस अधिकारी अब पत्रकारों पर रोब गांठ रहे है , कवरेज के दौरान कैमरा छीन ले रहे है, और सार्वजनिक रूप से यह भी कह दे रहे है कि जो उखाड़ना हो उखाड़ लेना ।
हम बात कर रहे है कोतवाल रसड़ा की । इनके खौफ से रसड़ा के शांति पसंद और गरीब खौफ़जदा है कि न जाने कोतवाल साहब कब सरेआम बेइज्जती कर दे ।डीजीपी और पुलिस अधीक्षक से शिकायत होने पर पत्रकारों को अब धमका रहे है कोतवाल रसड़ा । सीएम योगी ने पूरे प्रदेश में कानून के राज्य होने की बात कही है, तो फिर क्या कोतवाल रसड़ा को गरीबो , मजलुमो का शोषण करने और पत्रकारों को धमकाने के लिये सीएम एवं पुलिस अधीक्षक बलिया ने निर्द्वन्द छोड़ दिया है | मामला रसड़ा कोतवाली अन्तर्गत रेलवे स्टेशन का है, जहाँ पर स्टेशन परिसर के बगल में पानीटंकी के बंद कमरे में जी आर पी के सिपाही द्वारा वर्तमान महिला प्रधान के देवर के साथ किसी बात को लेकर कहासुनी हुई बात बढ़ते देख जानकारी होने पर मौके पर पहुची रसड़ा पुलिस |
मौके पर पहुंची पुलिस और पब्लिक की नोकझोक की विसुअल बनाते मीडियाकर्मी को भी कोतवाल रसड़ा ज्ञानेश्वर मिश्रा द्वारा जलील किया गया क्योकि अभी ३ दिन पहले ही कोतवाल की डीजीपी महोदय के ट्वीटर पर अवैध दुकान कब्ज़ा की खबर डालने और चलाने से झल्लाये हुए है । इन्होने पत्रकारो का कैमरा तक छीन लिया और कहा क्या उखाड़ लोगे जो करना है, कर लो एक तरफ योगी सरकार पत्रकारों से सामंजस्य बैठाने और सुरक्षा देने की बात करती है वही दूसरी तरफ ये है बलिया के रसडा के प्रभारी निरीक्षक जिनको किसी से नहीं लगता डर एसपी श्रीपर्णा गांगुली (पुलिस अधीक्षक बलिया) ने जब दुकान कब्जे के बारे में पूछा और डाटा था तभी से पत्रकारों पे झल्लाए थे कोतवाल रसड़ा |
बलिया से हिन्द न्यूज के लिए अमित कुमार