नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने सोमवार को एक मीडिया संगठन के दावों को खारिज कर दिया, जिसमें यह बताया गया था कि छत्तीसगढ़ में महिला को प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत के दौरान अपने कृषि राजस्व को दोगुना करने के झूठे दावों के लिए तैयार किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ ऑनलाइन बातचीत में छत्तीसगढ़ के रहने वाली चंद्रमणि कौशिक ने कहा कि धान की खेती छोड़कर कस्टर्ड (सीताफल) की खेती करने के बाद उसकी कृषि आय दोगुनी हो गई है।
एबीपी न्यूज़ एक प्रमुख हिंदी राष्ट्रीय चैनल ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि छत्तीसगढ़ के कंकड़ जिले में दिल्ली के अधिकारी प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत से पहले चंद्रमणि कौशिक को प्रशिक्षित करने के लिए आए थे, जिसमें यह दावा किया गया कि धान की खेती छोड़कर दूसरी खेती करने पर उनकी आय में दो गुना वृद्धि हो गई है।
यह रिपोर्ट ट्विटर पर व्यापक रूप से साझा की गई थी, जिसमें अधिकांश ट्विट्स सरकार के लिए नकारात्मक थे। रिपोर्ट के जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी इसमें शामिल हो गए।
हालांकि, जब टेबल के तथ्य तब बदलने लगे जब चंद्रमणि कौशिक का एक वीडियो फुटेज सामने आया, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी के साथ बातचीत के दौरान जो कहा उसको दोहराया … कस्टर्ड की खेती में बदलाव ने उनकी आय में दोगुना वृद्धि नहीं हुई। इस तथ्य को चैनल की रिपोर्ट में कोई उल्लेख नहीं मिला।
रिपोर्ट पर नाराजगी जताते हुए हुए, राठौर ने मीडिया संगठन की निंदा की और उनकी पत्रकारिता की नैतिकता पर सवाल भी उठाये।
कौशिक ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि वे (टीवी चैनल) कह रहे हैं कि मैं धान का जिक्र कर रही थी, लेकिन मैंने कहा था कि ‘सीताफल’ की खेती के कारण मेरी आय दोगुनी हो गई थी।
मुझे सरपंच जी से इस (विवाद) के बारे में पता चला कि मेरा भाषण गलत हो गया है। जो भी मैंने प्रधानमंत्री को बताया वह सच था।
इस बीच, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी की छवि को बदनाम करने के लिए मीडिया संगठन की निंदा की।
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता का काम है सच्चाई सामने लाना न कि सच्चाई को तोड़ना-मरोड़ना। निजी स्वार्थ के लिए श्रीमती चन्द्रमणि जैसे मेहनतकश किसानों को हतोत्साहित करना क्या @abpnewstv जैसे राष्ट्रीय चैनल को शोभा देता है? #UnfortunateJournalism pic.twitter.com/4bUsQccsJi
— Dr Raman Singh (@drramansingh) July 9, 2018
पिछले महीने, कौशिक ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत करते हुए उनसे कहा था कि धान की खेती ने उन्हें ज्यादा लाभ नहीं कमाया, यही कारण है कि उन्होंने सीताफल की खेती शुरू की।
कौशिक ने कहा कि हमने उस परियोजना पर काम करना शुरू किया था। जिससे 25 किलोग्राम पर 50-60 रुपये की कमाई होती थी। फिर हम ‘कृषि एटीएमए (कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी) योजना से जुड़ गए और हमारी आय 50 रुपये से 700 रुपये तक पहुंच गई।
तब प्रधानमंत्री मोदी ने मेरी आय में वृद्धि के बारे में पूछताछ की, जिसमें यह बताया गया कि मेरी आय अब दोगुनी हो गई है।
एएनआई एबीपी समाचार के संपादकों तक पहुंच गया लेकिन इस कहानी पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं मिली है। जवाब प्राप्त होने पर स्टोरी अपडेट की जाएगी।