जिले के दो बालू घाट के पट्टाधारकों को विभाग ने डिफाल्टर घोषित कर दिया है।चेतावनी के बाद भी दूसरी किश्त न जमा करने पर पट्टाधारकों के नाम पर 4 करोड़ 54 लाख 7 हजार 659 रुपये की आरसी जारी की गई है।अब प्रशासन इस धनराशि की वसूली कराएगा।इस कार्रवाई से कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।
सदर तहसील के घाघरा नदी के महुआपार खुर्द बालू घाट का पट्टा सैय्यद शाहिद अली के नाम हुआ था। इस घाट की दूसरी किश्त 3 करोड़ 10 लाख 21 हजार 361 रुपये बकाया है।बरदिया लोहार घाट का पट्टा नवी हुसैन के नाम हुआ था और इस घाट की भी दूसरी किश्त एवं अन्य देयक नहीं जमा हुए।पट्टाधारक पर कुल 1 करोड़ 43 लाख 86 हजार 298 रुपये बकाया हैं।
दोनों पट्टा धारकों को खनन विभाग ने बकाया धनराशि जमा करने की नोटिस थमाई थी।जिसमें पांच दिन का समय दिया गया था।मगर निर्धारित समयावधि में यह धनराशि जमा नहीं की गई।विभाग ने अब पट्टाधारकों के खिलाफ आरसी जारी कर दी है।अधिकांश बालू घाट शुरू से ही विवादों में उलझ गए।मशीनों से खनन शुरू होते ही विरोध के स्वर गूंजने लगे।
कभी ग्रामीण तो कभी प्रशासन का गुस्सा पट्टाधारकों पर उतरता रहा।एक किश्त जमाकर खनन जैसे-तैसे शुरू हुआ दूसरी किश्त जमा होने तक पट्टाधारक खुद टूट गए।प्रशासनिक कार्रवाई इस कदर भारी पड़ी कि पट्टाधारकों को घाट छोड़कर भागना पड़ा।जिम्मेदार अफसर भी जांच की आंच से बच नहीं पाए।तत्कालीन जिलाधिकारी तक पर गाज गिर गई। बरदिया लोहार घाट पर खनन बंद है।महुआपार खुर्द में भी मशीनों और ट्रकों की धरपकड़ के बाद खनन बंद हो गया है।अब किश्त की भारी भरकम धनराशि ठेकेदार नहीं दे पा रहे हैं।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए बस्ती से सतीश श्रीवास्तव की रिपोर्ट