किसानों की लंबे समय से की जा रही मांग पर आखिरकार चौगामा नहर में पानी छोड़ दिया गया।मुजफ्फरनगर के लोई से फिलहाल निरपुड़ा ब्रांच में करीब 125 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे 15 से अधिक गांवों के किसानों को लाभ होगा।ग्रामीणों ने टीकरी और कुरथल ब्रांच में भी पानी छोड़ने की मांग की है।उधर, सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता केके जैन ने टीम के साथ नहर का निरीक्षण किया।
बता दें कि चौगामा नहर का मुद्दा वर्ष 1965 में उठाया गया था।
कैसे हुई थी शुरूआतः
सितंबर 1978 में तत्कालीन सिंचाई मंत्री ठाकुर बलबीर सिंह ने बुढ़ाना में इस नहर का शिलान्यास किया था।उस समय हिंडन व कृष्णा नदी में पंप सेंट से पानी उठाकर इस नहर में पानी डालने का प्रावधान था।उस समय इस परियोजीना पर 6.42 करोड़ रूपये खर्च होने थे।तीन वर्षो तक इसका निर्माण कार्य चला।बुढ़ाना में हिंडन नदी पर चैक डेम बनाया जा रहा था, लेकिन हिंडन व कृष्णा नदियों में पानी की कमी को देखते हुए यह परियोजना 1982 में स्थगित कर दी गई और इस पर खर्च हुए करोड़ों रुपये बर्बाद हो गए।
क्या होगा अगर नही हुआ कामः
अपको बता दें कि चौगामा नहर में अगर पानी का स्तर इतना ही कम बना रहा तो यहां के हालात जल्द ही राजस्थान जैसे हो जाएंगे।साथ ही अगर पानी की कमी बनी रही तो किसानों को खेती करने में लगातार दिक्कतो का सामना करना पड़ेगा।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए ब्यूरो रिपोर्ट के साथ निखिल लहरी