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‘प्रणब दा’ और संघ की दोस्ती से क्या बदलेगा 2019 के चुनाव का माहौल

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संघ ने देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आने का न्यौता दिया, लेकिन ये बात कांग्रेस और प्रणब दा की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को कुछ जमी नहीं। उन्होंने कई तरीकों से उनको इस कार्यक्रम में जाने से रोका, वहीं प्रणब दा पहले ही कह चुके थे कि मैं जो बोलूंगा वो नागपुर में ही बोलूंगा और उन्होंने वहां जाकर बोला भी।

उन्होंने अपने भाषण में कहा कि भारत में राष्ट्रीयता एक भाषा और एक धर्म की नहीं है। भारत की ताकत उसकी सहिष्णुता में निहित है और देश में विवधता की पूजा की जाती है। आगे उन्होंने कहा कि लिहाजा देश में यदि किसी धर्म विशेष, प्रांत विशेष, नफरत और असहिष्णुता के सहारे राष्ट्रवाद को परिभाषित करने की कोशिश की जाएगी तो इससे हमारी राष्ट्रीय छवि धूमिल हो जाएगी।

वहीं अब सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेजी से हो रही है कि क्या बीजेपी को 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में इसका फायदा मिल पाएगा। गौरतलब, है कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं और बेटी के मना करने के बावजूद भी प्रणब दा ने संघ के कार्यक्रम में शिरकत की। ऐसे में कहा ये भी जा रहा है कि वो कांग्रेस से नाराज हैं, जिसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है। खैर ये कहना अभी जल्दबजी होगा कि 2019 में क्या होगा, लेकिन इतना जरूर है कि राजनीति में उम्मीदें और संभावनाए कभी खत्म नहीं होती।

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