मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशासन ने पच्चासी (85) जोड़ों का विवाह कराया। दुल्हनें जितना ख़ुश सामूहिक विवाह में शादी के इंतज़ामात और अपने जीवन साथी से थी..उससे कहीं ज्यादा उन्हें इस बात की खु़शी थी कि विवाह के बाद उनके ससुराल में टॉयलेट भी है। वही मेरठ में आये दिन साम्प्रदायिक तनाव होता रहता है, लेकिन सामूहिक विवाह में हिंदू-मुस्लिम एकता की झलक भी देखने को मिली। एक छत के नीचे विवाह समारोह और निकाह सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री की सामूहिक विवाह योजना से विरोधी दल के नेता भी प्रसन्न नजर आयें। कार्यक्रम में कई जगह टॉयलेट और साफ सफाई को लेकर संदेश लिखे हुए थे…संदेश में लिखा हुआ था कि अर्धांगिनी का संग अपनाएं..लेकिन पहले टॉयलेट बनवाएं। मेरठ के डीएम, सांसद, विधायक सभी ने नवदम्पत्ति को शुभकामनाएं दी। वही नवदम्पति बेहद खुश नजर आयें कि सरकार ने उन्हें उनका जीवन साथी दिला दिया है, साथ ही सभी जोड़ो ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते नजर आयें।