
झारखंड में सहारा इंडिया के अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट से जल्द ही वारंट लेकर सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय रांची में सोमवार को सहारा इंडिया के अधिकारियों के खिलाफ सीआइडी में दर्ज मामले की रिव्यू मीटिंग करते हुए पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने यह निर्णय लिया है। सहारा इंडिया में झारखंड से 30 हजार से अधिक निवेशकों ने 40 हजार करोड़ रुपये निवेश किया, लेकिन उन्हें अब तक परिपक्वता राशि नहीं मिली है।
इसके खिलाफ विश्व भारती जनसेवा संस्थान द्वारा केस दर्ज कराया गया है। इसमें सुब्रत राय की पत्नी सपना राय, निदेशक सह डिप्टी डायरेक्टर ओमप्रकाश उर्फ ओपी श्रीवास्तव, झारखंड से सोसाइटी निदेशक नीरज कुमार पाल, निदेशक सह रांची के जोनल हेड संजीव कुमार सहित अन्य को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। इसमें नीरज कुमार पाल व संजीव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका को झारखंड की निचली अदालत ने रद कर दिया है। वहीं बैठक में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सहारा के अधिकारियों पर अपनी नाराजगी जाहिर की जिन्होंने अब तक तीन कंपनियों में निवेशकों के निवेश व परिपक्वता राशि की जानकारी नहीं दी है और वे अपने वादे से मुकर गए हैं।
डीजीपी ने इस पर कड़ा एतराज जताया है और कहा है कि जल्द ही सभी अभियुक्तों का वारंट लेकर गिरफ्तारी की जाएगी।
इस बैठक में झारखंड पुलिस महानिरीक्षक सुदर्शन मंडल सहित विश्व भारती के राष्ट्रीय सचिव नागेंद्र कुमार कुशवाहा, संयुक्त सचिव अशोक कुमार, उप सचिव प्रवीण कुमार श्रीवास्तव सहित संस्था की याचिका को सुप्रीम कोर्ट में देख रहे अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव उपस्थित थे।
बैठक में तय हुआ कि झारखंड के निवेशकों के पैसों से देश के विभिन्न राज्यों में अचल संपत्ति खरीदी गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के रोक के बावजूद मध्य प्रदेश व बिहार में कई जमीनों को बाजार दर से कम कीमत पर बेच दी गई। बैठक में तय हुआ कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जाएगी। झारखंड में निवेशकों का पैसा कहां-कहां निवेश किया गया है इसकी जांच के लिए जांच आयोग का गठन किया जाएगा। झारखंड सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। हालांकि आयोग में कितने सदस्य होंगे और कौन इसके चेयरमैन होंगे, यह अब तक तय नहीं हुआ है।