
रायटर्स, हांगकांग:- म्यांमार में शुक्रवार में आए विनाशकारी भूकंप ने तबाही ला दी है। अब इस भूकंप से मरने वालों की संख्या 2 हजार के पार पहुंच गई है। चीन सेंट्रल टेलीविजन ने इसको लेकर जानकारी दी है। चीन सेंट्रल टेलीविजन के मुताबिक, म्यांमार में भूकंप से 2, 719 लोगों की मौत हो गई और 4,521 लोग घायल बताए जा रहे हैं। चीन सेंट्रल टेलीविजन के मुताबिक, 400 लोग लापता बताए जा रहे हैं। म्यांमार के नेता मिन ह्लाइंग के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 3 हजार पहुंच सकती है।
म्यांमार में 28 मार्च 2025 को जोरदार भूकंप आया था। इस भूकंप के झटके पड़ोसी देशों मसलन भारत और थाईलैंड में भी महसूस किए गए थे। इस भूकंप ने म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास खूब तबाही मचाई है।राहत-बचाव कर्मियों के साथ स्थानीय लोग भी अपनों को खोजने के लिए खुद भी मलबा हटाने में जुटे हुए हैं। वहीं, भीषण गर्मी के कारण शवों से दुर्गंध आनी शुरू हो गई है। हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। भूकंप से मरने वालों की संख्या में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है। भूकंप की वजह से नमाज पढ़ रहे 700 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इसके अलावा 60 से ज्यादा मस्जिदें भी तबाह हो गई हैं।
भूकंप ने म्यांमार के सगाइंग शहर में भी कई मठों और इमारतों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा, उपग्रह चित्रों में आसपास की नदियों में दरारें भी दिखाई दी हैं, जो भूकंप के दौरान मिट्टी के अस्थिर होने का संकेत देती हैं। इसे लिक्विफेक्शन कहते हैं, जिसमें जमीन पानी के साथ मिलकर कीचड़ में बदल जाती है और इमारतों को भी नुकसान पहुंचता है। ISRO के वैज्ञानिकों के अनुसार म्यांमार क्षेत्र भारतीय और यूरेशियाई प्लेटों की सीमा पर स्थित है और यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। भारतीय प्लेट हर साल करीब 5 सेंटीमीटर उत्तर की ओर बढ़ती है, जिससे भूकंपीय तनाव जमा हो जाता है। जब यह तनाव अचानक रिलीज होता है तो बड़े भूकंप आते हैं, जैसा कि म्यांमार में देखा गया है।