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शिमला में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ा, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र का शुल्क भी दस गुना बढ़ा

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हिमाचल प्रदेश;- शिमला शहरवासियों को प्रॉपर्टी टैक्स चुकाने के लिए अब अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी। राजधानी में पहली अप्रैल से टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव को नगर निगम सदन ने मंजूरी दे दी है। इसके अलावा जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र लेना भी अब महंगा होगा। इसका शुल्क भी दस गुना तक बढ़ा दिया है। महापौर सुरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में  हुई नगर निगम की मासिक बैठक में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। निगम प्रशासन ने कहा कि केंद्र के निर्देश पर प्रदेश की विकास दर के अनुसार हर साल टैक्स में बढ़ोतरी होनी चाहिए। लेकिन साल 2023 में नगर निगम सदन ने फैसला लिया था कि यह बढ़ोतरी हर साल चार फीसदी रहेगी।

इसके चलते साल 2023 और 2024 में टैक्स में चार-चार फीसदी की बढ़ोतरी की गई लेकिन केंद्र से मिलने वाली ग्रांट न रुके, इसके लिए विकास दर के अनुसार ही टैक्स बढ़ोतरी करनी होगी, यानि पिछले सदन के हर साल चार फीसदी टैक्स बढ़ाने के फैसले को बदलना पड़ेगा। सदन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सदन के मंजूरी मिलने से अब शहर में टैक्स में छह से सात फीसदी की बढ़ोतरी होना तय है। प्रदेश की विकास दर करीब सात फीसदी के आसपास है, ऐसे में टैक्स में भी इतनी ही बढ़ोतरी की जाएगी। नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने कहा कि प्रदेश की विकास दर को लेकर सरकार से रिपोर्ट मांगी है। इसके अनुसार ही टैक्स बढ़ेगा। बैठक में उप महापौर उमा कौशल भी मौजूद रहीं।

शहर में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव को सदन ने सर्वसम्मति से पारित किया। खास बात यह रही कि भाजपा या माकपा के किसी भी पार्षद ने सदन में टैक्स बढ़ोतरी के फैसले का विरोध नहीं किया। ऐसा पहली बार हुआ जब टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव पर विपक्ष ने विरोध न किया हो। शिमला शहर में 31900 भवन मालिक हैं। इन्हें अप्रैल से अब बढ़ी दरों पर टैक्स के बिल चुकाने होंगे। शहर में अप्रैल से कूड़ा बिल में भी दस फीसदी की बढ़ोतरी होनी है। इन दिनों लोग स्कूलों की भारी भरकम फीस भी जमा कर रहे हैं। इन सबके बीच अब टैक्स और कूड़ा बिल भी लोगों की जेब ढीली करेंगे।

नगर निगम ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की फीस भी दस गुना तक बढ़ा दी है। निगम के पास 1870 से 2015 तक शिमला शहर में जन्मे लाखों लोगों को रिकॉर्ड है। अब इन लोगों को नगर निगम से जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए पांच रुपये की जगह 50 रुपये शुल्क देना होगा। यदि प्रमाण पत्र में दुरुस्तगी करवानी है तो उसके लिए दस रुपये की जगह 50 रुपये शुल्क लगेगा। हालांकि, केंद्र के दिशा निर्देश पर फरवरी से ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों का शुल्क बढ़ा दिया था। लेकिन निगम ने 1870 से 2015 तक की अवधि के प्रमाण पत्रों का शुल्क नहीं बढ़ाया था। यह शुल्क भी अब केंद्र की तर्ज पर बढ़ा दिया है।

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