
बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी विभाग की एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। बेतिया के बगहा पुलिस जिले के भैरोगंज थाना में पदस्थापित एक सब-इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार दारोगा ओमप्रकाश गौतम हैं, जिन्हें निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना की टीम ने मंगलवार सुबह 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है और भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है। जानकारी के अनुसार, आरोपी दारोगा ओमप्रकाश गौतम ने एक मामले में राहत दिलाने के एवज में पीड़ित पक्ष से 10,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित ने इस संदर्भ में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए निगरानी विभाग ने पूरी योजना के तहत जाल बिछाया। पीड़ित को चिन्हित राशि के साथ दारोगा के पास भेजा गया और जैसे ही दारोगा ने पैसे लिए, टीम ने मौके पर पहुंचकर उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद निगरानी टीम ने आरोपी एसआई को अपनी कस्टडी में लेते हुए पटना मुख्यालय भेज दिया, जहां गहन पूछताछ और कानूनी प्रक्रिया जारी है। अधिकारियों के मुताबिक, एसआई ओमप्रकाश गौतम के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। प्रारंभिक जांच में रिश्वत लेने की बात स्पष्ट होने के बाद अब सेवा निलंबन और बर्खास्तगी की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस महकमे की पारदर्शिता और ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता में इस बात की चर्चा है कि जब कानून के रखवाले ही कानून तोड़ने लगें तो फिर न्याय की उम्मीद कैसे की जाए। वहीं, स्थानीय लोगों ने निगरानी टीम की तत्परता की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
दारोगा की गिरफ्तारी के बाद बगहा पुलिस महकमे में अफरातफरी का माहौल है। विभागीय अधिकारी मामले की गंभीरता को देखते हुए इससे जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच कर रहे हैं। स्थानीय पुलिसकर्मियों और आमजन के बीच यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है और लोग जानना चाहते हैं कि आरोपी दारोगा के खिलाफ क्या अगला कदम उठाया जाएगा।