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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन को लेकर दिल्ली में एक अहम बैठक की। शाह ने बैठक की अध्यक्षता की है। बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मौजूद रहे। बैठक के बाद सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का नए आपराधिक कानूनों को लागू करने में काफी हद तक रोल ठीक रहा है। जहां कमी रही है, उस पर बात हुई उसे भी दुरुस्त किया जाएगा।
साथ ही आगे कहा कि लोगों को नए कानूनों की पूरी जानकारी हो, इसके लिए भी पहल की जाएगी। इससे पहले जो दो बैठक हुई थी, वो सुरक्षा से संबंधित थी, अगर सुरक्षा से संबंधित बैठकों में जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को शामिल न करने का फैसला लिया जाता है, तो ठीक है। जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से कानून और व्यवस्था सीधे केंद्र सरकार क द्वारा नियंत्रित की जाती है। क्योंकि तत्कालीन राज्य को 2019 में जम्मू और कश्मीर और लद्दाख को अलग कर दिया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि अब्दुल्ला और सिन्हा के अलावा, केंद्र सरकार और जम्मू और कश्मीर सरकार के शीर्ष अधिकारी नॉर्थ ब्लॉक में बैठक में शामिल हुए थे। जिसमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम यानी तीनों कानूनों पर चर्चा की। जानकारी के लिए बता दें कि नए कानून पिछले साल 1 जुलाई से लागू हुए थे। गृह मंत्री पहले ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात सहित कई राज्यों में नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद स्थिति की समीक्षा कर चुके हैं।