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प्रदेश के नगर निकायों, शहरी क्षेत्रों, नए शहरों की बसावट से लेकर अवस्थापना संबंधी कार्यों के लिए इस बार शहरी विकास और आवास विभाग को बजट बढ़ने की उम्मीद है। दोनों विभागों को पीएम आवास योजना 2.0 पर तो काम करना ही है, शहरी निकायों में सुख-सुविधाएं बढ़ाने के लिए भी काम करना है।
पिछले बजट पर नजर डालें तो शहरी विकास विभाग को 2565 करोड़ मिले थे। इसमें एडीबी के सहयोग से नगरों का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर 150 करोड़, हल्द्वानी व अन्य शहरों का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर 109 करोड़, पेयजल व सीवर लाइनों के लिए 100 करोड़, पेयजल विभाग की केएफडब्ल्यू परियोजना के लिए 100 करोड़, ऋषिकेश नगर एकीकृत शहरी अवस्थापना विकास परियोजना पर 27 करोड़, ग्रीन फील्ड या ब्राउन फील्ड निर्माण के लिए 20 करोड़, नगर पालिकाओं में पार्क या ओपन जिम बनाने पर पांच करोड़ का प्रावधान शामिल है।
गैरसैंण के लिए 20 करोड़ का प्रावधान किया गया था। इस बार शहरी विकास के पास ऋषिकेश परियोजना के साथ ही बढ़े हुए नगर निकायों में भी विकास कार्यों का जिम्मा है। लिहाजा, इस बार शहरी विकास का बजट 3000 करोड़ से ऊपर जाने का अनुमान है।