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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के सबसे बड़े कर्णप्रयाग रेलवे स्टेशन को अब और अधिक बड़ा बनाया जाएगा। यह निर्णय कर्णप्रयाग की सामरिक महत्ता को देखते हुए लिया गया है। अब यहां 22 ट्रैक के बजाय 26 रेलवे ट्रैक होंगे। इस अतिरिक्त कार्य के लिए 611 करोड़ रुपये के टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। जल्द निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। कर्णप्रयाग रेलवे स्टेशन को और अधिक बड़ा बनाया जा रहा है। रेलवे विकास निगम के अधिकारियों ने बताया कि यह बदलाव सामरिक महत्ता के चलते सेना की गतिविधियों आदि के लिए लिया गया है।
कर्णप्रयाग रेलवे स्टेशन पर पहले 22 ट्रैक बनने थे। लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ा कर 26 कर दी गई है। चार अतिरिक्त ट्रैक बनाए जाने हैं। ये चारों ट्रैक दो सुरंगों के अंदर बनाए जाएंगे। इसके लिए दो सुरंगों का निर्माण भी किया जाएगा। सामान उतारने के लिए एक सड़क सुरंग का भी निर्माण किया जाएगा। जो दोनों सुरंगों से जुड़ेगी। संवाद
परियोजना के तीन बड़े स्टेशन
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के तीन बड़े स्टेशन कर्णप्रयाग, योगनगरी व श्रीनगर हैं। कर्णप्रयाग रेलवे स्टेशन पर 26 ट्रैक हैं। यहां चार यात्री प्लेटफार्म व एक गुड्स प्लेटफार्म है। योगनगरी में 18 ट्रैक हैं। यहां तीन यात्री प्लेटफार्म हैं। जबकि श्रीनगर में पांच ट्रैक हैं। यहां चार यात्री प्लेटफार्म व एक गुड्स प्लेटफार्म है। अन्य रेलवे स्टेशनों पर दो या तीन ही ट्रैक हैं।
13 स्टेशन हैं पूरी परियोजना में, जल्द होंगे निर्माण शुरू
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर कुल 13 स्टेशन हैं। इनमें वीरभद्र और योगनगरी रेलवे स्टेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है। योगनगरी रेलवे स्टेशन तक ट्रेनें चल रही हैं। इनके अलावा शिवपुरी, ब्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर, धारीदेवी, तिलनी, घोलतीर, गौचर व सिंवई (कर्णप्रयाग) में स्टेशन हैं।
– कर्णप्रयाग रेलवे स्टेशन पर अब 26 ट्रैक बनाए जाएंगें। पहले यहां 22 ट्रैक बनने थे। अतिरिक्त कार्य के लिए 611 करोड़ रुपये का निविदा भी जारी कर दी गई है। जल्द निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। – ओपी मालगुड़ी, उपमहाप्रबंधक (सिविल), रेलवे विकास निगम