फायर सीजन 15 फरवरी से शुरू माना जाता है। जंगल की आग के नियंत्रण के प्रयासों में शासन ने कसरत शुरू कर दी है। वन विभाग ने सीजन के लिए नोडल अधिकारी नामित कर दिए हैं। वहीं, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से 13 फरवरी को मॉक ड्रिल कराई जाएगी।
पहले यह मॉक ड्रिल 30 जनवरी को होनी थी। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 11 फरवरी को तैयारियों को लेकर बैठक होगी और 13 फरवरी को मॉक ड्रिल। अधिकारियों के अनुसार, मॉक ड्रिल प्रदेश के सात जिलों में होगी। इसमें कई विभाग के कर्मचारी और अधिकारी शामिल होंगे। वन विभाग ने फायर सीजन से पहले नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। 10 प्रमुख वन संरक्षक, अपर प्रमुख वन संरक्षक, मुख्य संरक्षक स्तर के अधिकारियों को विभिन्न जिलों की जिम्मेदारी दी गई है।
नोडल अधिकारियों के ये होंगे काम
नोडल अधिकारी फायर सीजन से पहले जिलास्तर पर वनाग्नि प्रबंधन और नियंत्रण को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा करेंगे। वनाग्नि सत्र के दौरान वनाग्नि घटनाओं के प्रबंधन, प्रभावी नियंत्रण, अनुश्रवण का काम करेंगे। अल्मोड़ा वन प्रभाग के अंतर्गत शीतलाखेत मॉडल को प्रदेश के सभी प्रभागों में दोहराने के लिए वनकर्मियों और वनाग्नि प्रबंधन समितियों के सदस्यों को भ्रमण कराया जा रहा है।