.NareshTOmar (लखनऊ):’—कोई हम अनुष्ठान करते है तो स्वच्छता के बाद संकल्प करते है..राष्ट्रीय जीवन मे भी हमारा संकल्प बनना चाहिए कि हमारा भारत विकसित बने..लोगो के जीवन मे बदलाव आये..
ये देश कहने को 1947 मे आज़ाद हुआ,कई सरकारे आई, सरकारो ने पैसा भी खर्च किया होगा,लेकिन भारत की कैसी छवि बनी थी..दूसरी ओर 2014 के बाद से पीएम आवास योजना,आयुष्मान योजना,जन धन योजना..ये सब योजनाए पहले क्यो नही चली??
कोई कुबेर का खजाना नही मिल गया 2014 के बाद,ये पहले क्यो नही हो पाया!!अकेले उत्तरप्रदेश मे हमने 55 लाख आवास बनाकर दे चुके,3 करोड़ शौचालय बनाकर दे चुके..आज देश के किसी भी इम्पेनल्ड अस्पताल मे ₹5लाख् तक का इलाज करवाने की सुविधा है
कोरोना काल मे 80 करोड़ लोगो को मुफ्त राशन योजना.ये सारे कार्य पहले क्यो नही हो सका!! जब एक नागरिक खुशहाल होगा तभी देश और समाज के बारे मे सोचेगा!!जब देश आज़ादी के शताब्दी वर्ष को मना रहा होगा तब तक हमारा संकल्प क्या होना चाहिए,विकसित भारत बनाने का संकल्प लेकर पंच प्रण के मूलमंत्र पर कार्य करना होगा..
आज कारीगरो हस्तशिल्पियों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना का कार्य हो रहा है..प्रधानमंत्री जी के पंच प्रण मे 2047 तक विकसित भारत बनाने का आधार है,हमे अपने संस्कृृति विरासत पर गौरव का अनुभव करना है,गुलामी की मानसिकता प्रतिको को समाप्त करके आगे बढ़ना है
विकास के एजेंडे का मतलब गरीब के चेहरे पर खुशहाली लाना है..हमने लाभार्थियों को प्रमाणपत्र दिये…हमने पोषण की योजनाओ को NRLM से जोड़ दिया है,इससे 60 हजार महिलाये सीधे लाभान्वित हो रही है,बैंकिंग सखी के माध्यम से सशक्त बन रही है..कुछ नही हो सकता इस भाव से आगे सोचना होगा..सरकार का संकल्प है विकसित भारत और इस संकल्प से जुड़ने के लिए ये यात्रा और कार्यक्रम चल रहा है.!!