हिमाचल। प्रदेश के हमीरपुर के प्रगतिशील किसान परविंद्र सिंह ने ग्राफ्टिंग के जरिये आलू के पौधे पर टमाटर और बैंगन की फसल उगाकर बागवानी में नई तकनीक ईजाद की है। कम जगह पर सब्जी उत्पादन करने वालों लोगों के लिए यह तकनीक कारगर साबित हो सकती है। लोग घर के गमलों में भी इस तरह एक ही पौधे से विभिन्न सब्जियां उगा सकते हैं। हमीरपुर के साथ लगते लाहलड़ी गांव के किसान परविंद्र सिंह ने आलू के पौधे पर टमाटर और बैंगन की ग्राफ्टिंग करने का काम किया। उनकी डेढ़ माह की मेहनत रंग लाई और अब आलू के पौधे पर टमाटर और बैंगन लगने लगे हैं।
इससे पहले भी किसान परविंद्र सिंह ने एक बेल से तीन सब्जियां उगा कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था। उन्होंने बताया कि डेढ़ माह पहले की गई ग्राफ्टिंग के लिए पहले आलू तैयार किया और बाद में टमाटर की ग्राफ्टिंग की गई। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। अब ग्राफ्टिंग के बारे में परमिंद्र किसानों को सीखा रहे हैं, ताकि वे भी इसका फायदा उठा सकें। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही एक नर्सरी भी तैयार की जाएगी, ताकि छोटी सी जगह पर ही ज्यादा पौधे लगाकर उत्पादन किया जा सके। बताया कि कृषि विभाग जागरूकता शिविर लगाए तो ग्राफ्टिंग तकनीक का जिले और प्रदेश के बाकी किसानों को भी लाभ मिल सकता है।
यह होती है ग्राफ्टिंग विधि
कलम बांधना उद्यानिकी की एक तकनीक है ग्राफ्टिंग जिसमें एक पौधे के ऊतक को दूसरे पौधे के ऊतकों में प्रविष्ट कराया जाता है। इससे दोनों के वाहिका ऊतक आपस में मिल जाते हैं। इस प्रकार इस विधि से अलैंगिक प्रजनन से पौधे तैयार किए जाते हैं। इसी को ही ग्राफ्टिंग तकनीकी कहते हैं।