दिल्ली
NARESH TOMAR ——–: देश में कोरोना का कहर पूरी तरह से दिखाई दे रहा है सभी लोग कोरोना से बचने के कारण अपने घर पर ही रुकने को मजबूर हो गए हैं. जहां देश के ज्यादातर नागरिक अपने घर पर इसलिए रूके हुए हैं कि कोरोना महामारी भारत राष्ट्र पर अपना कहर ना बरपा सके। ऐसे में अगर आपको एक रिपोर्ट के बारे में मालूम हो कि आपकी इतनी कोशिश को भी कुछ लोग देश में कोरोना फैलाने पर तुले हैं तो यह विषय जरूर सोचनीय होगा।
देश में जहां करोना का कहर जारी है इसी बीच गृह मंत्रालय ने राज्यों के चीफ सेक्रेट्री डीजीपी और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश दिया गया है कि मयमार से आए रोहिया मुसलमान जो भारत में विभिन्न राज्यों के कस्बो और शहरों के पास बस्तियों में रहते हे वह रोहिया मुस्लिम भी तबलिगही जमात के धार्मिक सभा में शामिल हुए थे. गृह मंत्रालय ने आशंका जताई कि यह रोहिया मुस्लिम भी करोना से संक्रमित हो सकते हैं. गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा कि हैदराबाद के कैंप में रहने वाले कुछ रोहिया हरियाणा के मेवात में आयोजित तबलीगी के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वह निजामुद्दीन मरकज भी गए थे.
पुलिस के सामने आज सबसे ज्यादा परेशानी इस चीज की वजह से भी है कि मयांमार से आए रोहिया मुसलमानों का पूरा डाटा सरकार के पास नहीं है.क्योकि यह अवैध तरिके से भारत में आये है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लिखे पत्र में बताया कि दिल्ली के श्याम विहार और शाइन बाग़ में रहने वाले रोहिया तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. जो अभी तक वापस अपने कैंप नहीं गए. गृह मंत्रालय ने हरियाणा पंजाब और जम्मू-कश्मीर और यूपी में रोहिया मुसलमानों के मरकर में शामिल होने की आशंका जताई।
इसके बीच दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज में मुखिया मौलाना साद के करीब 4 लोगों पर कानूनी शिकंजा कस गया है. इसके अलावा मौलाना साद पर मुकदमा चलेगा।मौलाना साद ने ही भारत में रोहिया और तब्लीगी जमात का गठजोड़ भारत में कराया है, रोहिया मुसलमान कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक फैला हुआ है और रोहिया मुसलमान तबलिगही जमात के कार्यक्रम में अक्सर हिस्सा लेता है अब गृह मंत्रालय इस कारण परेशान है कि यह कहीं कोरोना वायरस महामारी को देश में फैलाने के लिए रोहिया भी अहम रोल ना करें।
जहां एक ओर सरकार कोरोना वायरस को रोकने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं वहीं अगर आप देखेंगे आपके शहर के आसपास आज भी म्यांमार से आए रोहिया मुसलमानों की बस्ती है .ऐसे में अब सवाल खड़ा होता है जिनकी पास देश की कोई पहचान पत्र नहीं है ऐसे में इन रोहिया मुसलमानों को कैसे चिन्हित किया जाए. क्योंकि पत्र के माध्यम से यह भी बताया गया है कि जो मरकज में रोहिया मुसलमान शामिल हुए थे वह अभी तक अपने स्थान पर नहीं पहुंचे हैं. अभी तो कुछ गिने-चुने रोहिया मुसलमानों कि यह खबर सामने आई है ऐसे में और इनकी कितनी संख्या है जो अपने स्थान पर वापस नहीं आए हैं
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