- क्या देश के कानून सिर्फ आमजन के लिए ही
- देश के वी वी आई पी परिवार ने दुर्भाग्य पूर्ण तरीके से लॉक डाउन का उल्लंघन कर खुले आम शादी कर दुर्भाग्य पूर्ण तरीके से कायदे कानून का बनाया मज़ाक अक्सर देखा गया है की देश के सभी कानून आम जनता पर ही लागू होते है देश की जनता ही लाठी खाती है , उठक बैठक लगाती है , मुर्गा बनती है लेकिन देश के नेताओं पर कानून लागू नहीं होता हमारे देश में वी वी आई पी लोगो को लॉक डाउन में घूमने के पास भी जारी हो जाते हैं,शादी करने की भी छूट मिल जाती है लेकिन अफसोस आज केंसर के पेशेंट अपना इलाज कराने के लिए दर दर को ठोकरें खाने को भी मजबूर हो जाते हैं क्या हमारा संविधान देश के आमजन के लिए बना है देश के चंद वी वी आई पी लोगो व नेताओ के लिए नहीं ?
- कल कर्नाटक के रामनगर के फार्म हाउस पर देश में लागू लॉक डाउन के दौरान पूर्व प्रधान मंत्री एच डी देवगौड़ा के पोते निखिल कुमारस्वामी की शादी हुई उसकी तमाम रिपोर्ट्स न्यूज चैनलों में चली जिसमे खुले आम लॉक डाउन के नियमो को ताक पर रख कर उल्लंघन किया गया उक्त शादी में ना ही किसी ने मास्क पहने हुए है , ना ही किसी भी तरह सोशल डिस्टेंस का पालन हो रहा है साथ ही शादी में 100 से अधिक वी वी आई पी लोगो के शिरकत करने खबरें आ रही है , कैसा दुर्भाग्य है देश का आज ,देश के नेता किस तरह खुले आम नियम कायदे कानून का उपहास बना रहे हैं वहीं आज देश में लॉक डाउन के चलते आमजन कैंसर ,किडनी सहित तमाम बड़ी बीमारियों के अपने इलाज के लिए दर दर को ठोकरें खाने को मजबूर है आज जहां बीमार पीड़ित लोगो को इलाज के अपने पास बनवाने के लिए अधिकारियों के यहां चक्कर काटने पड़ रहे है वहीं इन नेताओं के गाड़ियों के पास घर बैठे बन रहे है वाह रे यह है देश के कानून को जेब में रखने वाले लोग ।
- यूं तो कर्नाटक के उप मुख्य मंत्री ने मीडिया में शादी के दौरान लॉक डाउन के उल्लंघन की खबरों के बाद कार्यवाही की बात कही है लेकिन क्या सही में कर्नाटक की सरकार ईमानदारी से देश के पूर्व प्रधान मंत्री के परिवार पर कोई बड़ी कार्यवाही कर पाएगी इसे जनता संदेह की दृष्टि से देख रही है क्योंकि सरकार ने लॉक डाउन के दौरान इतनी बड़ी वी वी आई पी शादी की इजाज़त ही क्यों दी यह कर्नाटक सरकार पर प्रश्न चिन्ह लगाता है ।
- उससे देश की जनता अब यह सोचने लगी है कि देश का संविधान या कानून सिर्फ आम जन के लिए है इन लोगो के लिए कोई भी नियम कायदे कानून लागू नहीं होते लेकिन इन सबसे एक बात तो तय है यदि देश के नेता इसी तरह कानून की धज्जियां उड़ाते रहेंगे तो देश की जनता का विश्वास इन नेताओ से उठ जाएगा इसी लिए देश की सरकारों को जनता में विश्वास बनाने के लिए व संविधान की रक्षा के लिए देश में कानून तोड़ने वाले इन बड़े नेताओं के खिलाफ भेद भाव को त्याग कर समानता से कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए यही देश हित में उचित होगा ।
विनय अग्रवाल, चंदौसी