यही स्थिति बनी रही तो आने वाले कुछ महीनों में पेट्रोल डीजल कौड़ियों के भाव मिलेगा। पेट्रोल डीजल की डिमांड में गिरावट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत में आम दिनों के मुकाबले इसकी मांग 10 से 20 फीसदी भी रह गई है
Naresh Tomar: भारत के लिए पेट्रोलियम पदार्थ को लेकर एक अच्छी खबर सामने आ रही है. भारत बुधवार से उन देशों में शामिल होगा है जहां दुनिया का सबसे स्वच्छ पेट्रोल और डीजल इस्तेमाल किया जाएगा। देश की तेल कंपनी ने बुधवार को बिना मूल्य वृद्धि और सेवाओं को किसी तरह की रूकावट के बिना 6 यूरो मानक पेट्रोल डीजल की आपूर्ति शुरू कर दी है. देश में अब तक स्टेज 4 ग्रेड के डीजल पैट्रॉल हमको मिलता था। अब सीधे सरकार स्टेज 6 ग्रेड के ईंधन आपको उपलब्ध कराएगी। इस दाम में एक रुपए लीटर की वृद्धि होनी चाहिए थी. लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 17 साल के निचले स्तर पर है उसको देखते हुए सरकार ने यूरो 6 तेल पर कोई बढ़ोतरी नहीं की है। यूरो 6 मानक के तेल आपके गाड़ी को बेहतर वायलाज देने का काम करेगा। इसका मतलब अब आपकी गाड़ी का एवरेज बढ़ जायगा।
कच्चे तेल का भाव गिर कर $25 प्रति बैरल के करीब पहुंच गया पूरी दुनिया के लगभग सभी देशों में लॉक डाउन की स्थिति है. ऐसे में तेल की डिमांड में आई भारी गिरावट भी सामने आई सऊदी अरब और रूस के बीच जारी प्राइस वार की स्थिति ने तेल की कीमतों को और खतरनाक स्थिति में पहुंचा दिया है. भारत ही एक ऐसा अकेला देश है जो तेल का भंडारण करता है. लॅक डाउन के कारण पेट्रोल डीजल की डिमांड काफी घट गई है. दूसरी तरफ सऊदी अरब और रूस के बीच तेल बाजार को लेकर अधिकरण की स्थिति में प्राइस वार की जंग चल रही है. दोनों देश तेल उत्पादन घटाने का नाम नहीं ले रहे हैं.
घटती डिमांड और बढ़ती सप्लाई के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो गई है की कच्चा तेल अपने 17 सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. अगर यही स्थिति बनी रही तो आने वाले कुछ महीनों में पेट्रोल डीजल कौड़ियों के भाव मिलेगा। पेट्रोल डीजल की डिमांड में गिरावट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत में आम दिनों के मुकाबले इसकी मांग 10 से 20 पीस भी रह गई है. अगर कीमतों पर नजर डालें तो इंटरनेशनल मार्केट में $25 के करीब ट्रेड कर रहा है 30 मार्च को एक समय इसकी कीमत $21 प्रति बैरल पहुंच गई .
इन देशो में जो समझोता था वह इन देश के बीच 3 साल बाद आज खत्म हो जाएगा। सऊदी ने साफ साफ कहा है कि आज से वह तेल निर्यात बढ़ा कर रिकॉर्ड 1.064 बैरल प्रतिदिन करेगा। गेल कंपनियों का कहना है कि मांग में गिरावट के कारण हर बैरल को रिफाइन करने पर उनका नुकसान बढ़ता जा रहा है. अगले कुछ सप्ताह में उनका लिस्ट और भी बढ़ जाएगा। यह हालत पूरी दुनिया की रिफाइनरी की है.