Naresh TOMAR —-करीब 3 महीने से करोना की मार झेल रहा चीन इस वायरस को चीनी वायरस कहे जाने से हताश है. चीन के विदेश मंत्रालय वांगीजिंग ने इसे लेकर भारत से साथ मांगा है. उन्होंने कहा है कि भारत को इस बर्ताव का विरोध करना चाहिए।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कॅरोना को चाइनीज वायरस बताया था. जिसे लेकर चीन ने आपत्ति जाहिर की थी. भारत में चीन के राजदूत सुनबिदांग ने जानकारी दी कि भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री व्यंग्यजिग से फोन पर बात की उन्होंने बताया कि वांग ने भारत के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए.कोरोना के खिलाफ लड़ाई में साथ खड़े रहने का वादा किया। चीन मेडिकल सुविधा भी शेयर करने और भारत की मदद के लिए तैयार है. अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए अच्छा नहीं है की अमरीका इसको चाइनीज वायरस कहे। ऐसी संकुचित सोच का विरोध करेगा होगा। और सहमति जताई की अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुटता का संदेश देना चाहिए। भारत ने कहा है कि भारत और चीन एक दूसरे का सपोर्ट करना चाहिए और ग्लोबल पब्लिक हेल्थ को एकजुट होकर सुनिश्चित करना चाहिए।
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया था कि यह चाइनीज वायरस है। चीन ने कोरोना वायरस को लेकर प्रारंभिक सूचना दुनिया को नहीं बताई। जिसकी सजा आज दुनिया भुगत रही है. ट्रंप ने करोना वायरस को चीनी वायरस बताते हुए कहा था कि दुनिया उनके कर्मों की बहुत बड़ी सजा भुगत रही है. ट्रम्प का इशारा इस बात की ओर था कि चीन ने सही समय पर कोरोना वायरस के फैलने की पूरी जानकारी साझा नहीं की है।
ट्रंप ने कहा इस बीमारी को चीन से ही रोका जा सकता है। जहां से यह शुरू हुई थी उन्होंने कहा अगर चीन ने सही समय पर सूचना दी होती तो पूरी दुनिया के सवस्थ अधिकारी व सरकारे और समय पर कदम उठाते और इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता था.