कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश के सभी जिलों के सरकारी कर्मचारियों को लेकर प्रदेश सरकार के सख्त आदेश दिए है जिसमे कहा गया है की कि इस सरकारी कर्मचारी की तैनाती जिले में है। लेकिन उनका निवास स्थान अन्य जिलों में है और वह कर्मचारी अपने कार्यालयों से बिना किसी अनुमति के कार्यालय से अनुपस्थित चल रहे हैं.और उसका यह कहना की जिस जिले में उसका निवास स्थान हे उसमे कोरोना वायरस के कारण लॉकआउट घोषित है. ऐसे में सरकारी कर्मचारी उसका बहाना बनाकर कार्यालय में उपस्थित नहीं हो रहे हैं. जिससे जिले में कोरोना वायरस को लेकर जो तैयारी है प्रदेश सरकार की है। उन तैयारी पर असर पड़ रहा है.
इसी असर को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी अधिकारी कर्मचारी जो बिना किसी अनुमति के कार्यालय से अनुपस्थित चल रहे हैं. वह दिनांक 23 3 2020 को अपने प्रत्येक शासकीय अधिकारी कर्मचारी चाहे वह मानदेय सेवा के ही क्यों ना हो अनिवार्य रूप से अपनी तैनाती मुख्यालय पर करेंगे। वह अगले आदेश तक मुख्यालय पर ही निवास करेंगे। तथा प्रदेश की किसी भी जिले में कोरोना वायरस को देखते हुए जिले में कोई अकस्मात की स्थिति आती है. तो यह कर्मचारी समय पर बिना बुलाए उपस्थित हो।
अगर सरकारी कर्मचारियों द्वारा इस आदेश की अवहेलना की गई तो उनके विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के साथ-साथ बर्खास्त करने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। प्रदेश सरकार ने कहा है कि समस्त कार्यालय अध्यक्ष यह सुनिश्चित करेंगे कि समस्त अधिकारी कर्मचारी लिखित अनुमति के बिना कार्यालय से अनुपस्थित ना रहे. यदि कोई अधिकारी कर्मचारी दूसरे जिले से आता है तो उस कर्मचारी के लिए स्पष्ट निर्देशित किया गया है कि वह अपना निवास मुख्यालय पर ही बनाएं . सरकारी कर्मचारी अब मुख्यालय पर ही रह रहा है. यदि आवश्यकता पड़ने पर कर्मचारी उपस्थित नहीं पाया जाता तो उसके विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाई जाएगी जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा।