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शाहीन बाग में जो प्रदर्शनी लगातार NRC धरना प्रदर्शन कर रहे है। वह आज मात्र 12 और 13 महिलाओं पर सिमटकर समाप्त होने की कगार पर आ खड़ा हुआ है। उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि शाईन बाग में महीनों से कुछ लोगों द्वारा प्रदर्शनकरियो को बिरयानी खिलाई जा रही थी. अब बिरयानी का भंडारा शाहीन बाग में बंद हो चुका है.
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बिरयानी का भंडारा बंद होने के बाद अब प्रदर्शनकारियों की संख्या में भी बहुत सारी गिरावट सामने आई है.इससे पहले हजारो की संख्या में प्रदर्शनकारी शाइन बाग कालन्दी कुज का रास्ता रोक रखा है। लाखो की संख्या में लोग इस प्रदर्शन से परेशान हे बच्चे अपने स्कूल नहीं जाते है। बीमार अस्पताल नहीं पहुंच रहे है। लोगो को इस सड़क के बंद के बाद लोग अपने काम पर नहीं जा पाते है। सुप्रीम कोर्ट ने भी रास्ता खोलने की बात कही थी। लकिन अब यह ख़त्म होने की कगार पर है। इसका सबसे बड़ा कारण बिरयानी भंडारा है। आज मात्र 12 की संख्या में बैठी महिलाएं प्रदर्शन कर रही है। वहां पर रिपोर्टिंग करने गए पत्रकारों से भिड़ गई.
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सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिए हैं. रास्ता खोल दिया जाए लेकिन प्रदर्शन कार्यो ने सुप्रीम कोर्ट की बात को भी अनसुना कर दिया।
शाइन बाग में जिस तरह महिलाएं सड़क पर बैठी थी. उसी तरह जाफराबाद में भी इस तरह का प्रदर्शन किया गया था जिसमें महिलाओं द्वारा हाथ में तिरंगा लेकर भारत माता के नारे लगाते हुए एनआरसी का विरोध किया गया था. लेकिन प्रदर्शन इतना उग्र हुआ कि इन्हीं बुर्के वाली महिलाओं ने पुलिसवालों पर पत्थरबाजी की थी। जिसमें एक दिल्ली पुलिस का कांस्टेबल की मौत हो गई.और बहुत से पुलिस वाले अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं. दिल्ली में लगातार हिंसक प्रदर्शन हुए जिसमें 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इसमें एक आईबी का अधिकारी अंकित शर्मा भी शामिल है. इन मौत का जुम्मेदार कोन लोग है ..
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शाइन बाग में प्रदर्शनकारियों का आलम यह है कि वहां पर प्रदर्शन करने वाले स्थान पर एक हूटर लगाया है। अगर कोई व्यक्ति वहां पहुंचता है. और इनकी पोल पट्टी खोलता है. तो यह हूटर बजा देते हैं। औरतों की आड़ में तुरंत वहां पर पुरुष आ धमकते है। वह इन लोगों को डराते हैं धमकाते हैं और अगर महिला रिपोर्टर है तो उसके साथ छेड़छाड़ से भी बाज नहीं है। कुछ लोगों के कैमरे तोड़ दिए जाते हैं. कुछ कैमरामैन को पीटा जाता है. कुछ लोगों के दुवारा महिला पत्रकार से छेड़छाड़ की जाती है।
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दोबारा दिल्ली सहित पूरे देश में हिंसा का वातावरण बनाने पर तुले यह लोग महिला को आगे कर इस देश में क्या करना चाहते है। यह NRC का तो विरोध नहीं हो सकता है। आज भंडारा खत्म तो शाईन बाग खत्म ऐसा देखने को प्रतीत हो रहा है. बिरयानी नहीं मिलेगी तो हम एनआरसी का विरोध भी नहीं करेंगे। शाइन बाग बाकी यथास्थिति आज के समय में बिल्कुल ऐसी ही है. लगभग पुरे देश में NRC धरना प्रदर्शन में बैठे लोग कही गयाब से हो गये है।
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माहिलाये अब इस प्रदर्शन से ऊब चुके हैं। अलीगढ़ में भी यही स्थति थी कुछ महिलाये पुलिस पहुँच गयी थी.किसे लोग उनको प्रदर्शन पर जाने को जबरदस्ती करते है। इससे आने-जाने वाले को परेशानी होती है कि नहीं इससे पढ़ने वाले बच्चों को परेशानी होती है कि नहीं इनको नहीं मतलब है. कोई आदमी अपने काम पर समय पर पहुंचता है. कि नहीं इनको मतलब है फिर आप बिरयानी खाने कि जब तक बिरयानी भंडारा शाइन बाग में चलता रहेगा। तब तक एनआरसी का विरोध यह लोग करते रहेंगे। यह कौन लोग हैं कब इकट्ठा हो जाए और तो के आड़ में बुर्के के आड़ में इस तरह का हिंसक प्रदान करें कि आज रोकने वाला सामने नहीं आ रहा.
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