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कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है चाइना, साउथ कोरिया, उत्तर कोरिया, अमेरिका, इराक,ईरान, पाकिस्तान ,और इजराइल ,भारत ,सहित लगभग पूरी दुनिया के देश आज कोरोना वायरस की चपेट में है.भारत के पंजाब प्रांत के हो 80000 लोगो की इस्नकिंग की जायगी देश मे कोरोना को लेकर 6 मार्च को विशेष जांच अभियान, अब तक 29 केस सामने आए,प्रधानमंत्री की पूरी नज़र,मंत्रियों की समिति बनाई।
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आर एस एस संघटन में तो पहले से ही एक दूसरे का अभिन्दन हाथ जोड़कर ही किया जाता है। इतना ही नहीं हिन्दू धर्म में पहले से ही हाथ जोड़कर ही नमस्कार करते हे . आधुनिक जीवन शैली में हाथ मिलकर या गले मिलकर अभिन्दन करते है जो बिलकुल गलत है ,वायरस की वजह से पूरी दुनिया में हजारों लोग मौत के मुंह में समा गए कोरोना वायरस एक दूसरों को छूने से बढ़ रहा है.एक व्यक्ति अगर दूसरे व्यक्ति से किसी भी तरह से मिलता है. चाहे हाथ मिलाये या गले मिले कुछ देशो में तो नाक से नाक मिलाकर भी एड दूसरे का अभिन्दन करते है। अभिन्दन करने की लिए दूसरे कारणों के वजह से कोरोना वायरस बहुत जल्दी फैलता है.
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कोरोना वायरस कि सावधानी बरतने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो एडवाइजरी जारी की गई है. उसमें कहा गया है कि व्यक्ति दिन में 5 बार या इससे जायदा बार हाथ धोए . अगर जरूरी है तो ही बाजार में निकले, अगर सर्दी जुखाम है तो रुमाल का सहारा ले, जिनको सर्दी जुकाम हे वह व्यक्ति अपने घर में आराम करें। किसी बाहर दूसरे व्यक्ति से ना मिले। सबसे बड़ी सावधानी यह बताई गई है कि अगर आप किसी दूसरे व्यक्ति का अभिनंदन करते हैं तो आप नमस्कार करके दूसरे व्यक्ति का अभिनंदन करें।
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भारत वर्ष में यह परंपरा वर्षो वर्ष से चली आ रही है। हिंदू धर्म में जब एक व्यक्ति दूसरे से मिलता है तो नमस्ते या नमस्कार करके एक दूसरे का अभिनंदन करते हैं. नमस्कार क्यों करते हैं इसका अर्थ क्या है. अगर इसका कारण और मतलब जानेंगे तो तो आप भी हैरान रह जाएंगे। कि भारतीय संस्कृति में कोरोन जैसे वायरस एक दूसरे व्यक्ति पर असर ना करें इसके लिए नमस्ते या नमस्कार करना क्यों हमारे वेदों में जरुरी बताया गया है.
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शास्त्रों के अनुसार अगर एक दूसरे से मिलते हैं तो पांच प्रकार के अभिनंदन बताए गए हैं. जिनमें से एक प्रकार है नमस्ते या नमस्कार,संस्कृत में यह 2 शब्दों को से मिलकर बना है. नाम का मतलब है झुकना और असते का मतलब है अहंकार या अनुमान से भरा यानी मेरा अहंकार से भरा सिर आपके सामने झुक गया। मेरा नहीं सब कुछ आपका आध्यात्म की दृष्टि से मनुष्य दूसरे मनुष्य के सामने अपने अहंकार को कम कर रहा है. नमस्ते करते समय दोनों हाथों को जोड़कर एक कर दिया जाता है. जिसका अर्थ है कि इस अभिनंदन के बाद दोनों व्यक्ति के दिमाग मिल गए, और दोनों वयक्ति एक सोच के गए हैं.
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शास्त्रों में पांच प्रकार के अभिनंदन बताए गए हैं. पहला-किसी के स्वागत में उठकर खड़ा होना,दूसरा-नमस्कार हाथ जोड़कर सत्कार करना,तीसरा – संग्रहण बड़े बुजुर्ग शिक्षकों के पैर छूना, चौथा – साष्टांग घुटने पर सिर और हाथ के बल जमीन पर लेट का सम्मान करना। पाँचवा – प्रत्याभीवंदन इसका अर्थ है अभिनंदन या अभिनंदन से जवाब देना।
नमस्कार के कई सारे फायदे हैं हाथ जोड़कर नमस्कार करने के पीछे वैज्ञानिक कारण यह माना जाता है. इससे हृदय चक्र और आज्ञा चक्र सक्रिय होते हैं. शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का तेजी से संचार होता है. उससे मानसिक शांति मिलती है. वह आत्मबल पर प्राप्त होता है.इससे क्रोध पर नियंत्रण बढ़ता है. दूसरे देशों में भी हाय हेलो के बजाय नमस्कार को अपना रहे है।
भारतवर्ष में ज्यादातर हिस्सों में लोग नमस्कार को दूसरे रूप में भी करते हैं. जैसे राम राम, जय श्री कृष्णा, जय गुरुदेव, हरि ओम, जय माता दी, जय गणेश, जय शिव, इस भारत में हिंदू धर्म को मानने वाले लोग एक दूसरे का अभिनंदन करते हैं.यह भी नमस्कार के ही कई रूप है . हिंदू धर्म में नमस्कार को लेकर जिस तरह वेदों में बातया है. उसे सबसे बड़ा वैज्ञानिक कारण एक यह भी है. जिस तरह छुआछूत से कोई रोग एक दूसरे व्यक्ति को फैलता है. उस पर भी रोक लगती है. जो लोग हिंदुस्तान को सपेरों का देश कहते थे. और हिंदुस्तान के लोगों अनपढ़ कहा जाता था। वही देश आज मजबूरी में ही सही लेकिन भारतीय संस्कृति को मानने के लिए तैयार है.
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इजराइल के प्रधानमंत्री द्वारा अपने देशवासियों को यह कहा है. वह भारत में प्रचलित नमस्कार को अपने यहां अपनाएं जिससे एक दूसरे व्यक्ति कोरोना वायरस ना फैले . इजराइली नहीं अन्य देश भी भारत के वेदों पुराणों में लिखे जाने वाले नमस्कार शब्द को प्रयोग करने के लिए अपने देश के नागरिकों को सलाह दे रहे हैं. हमारी संस्कृति पुरानी होने के बावजूद भी कितनी आधुनिक थी. यह आज देश और पूरी दुनिया को पता चल चुका है।
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नमस्कार क्यों जरूरी है. दूसरे का अभिनंदन करने के लिए जरूरी नहीं है कि हम हाथ मिलाए गले मिले नाक से नाक मिलाएं सर से सर मिलाएं या फिर कोई दूसरा रूप अख्तियार करे. उसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है एक दूसरे के सामने झुककर दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते करना। उससे आप और सामने वाला दोनों व्यक्ति एक दूसरे का अभिनंदन अच्छे तरीके से तो करते ही हैं। अभिन्दन के साथ आप कोरोना जिसे वायरस को फैलने से भी रोकते है। आज भारत की वर्षो पुराने ,दूसरे वयक्ति के अभिन्दन करने की परम्परा को मानने को तैयार है।