जी हां दिल्ली दंगों का केंद्र बिंदु बने ताहिर हुसैन पर मशहूर गीतकार जावेद अख्तर लट्टू हुए पड़े हैं। शब्दों के जादूगर ने ताहिर पर प्रेम उड़ेलते हुए इस तथाकथित दंगाई के पक्ष में चट्टान की तरह खड़े हो गए हैं। हालांकि कई लोग कह रहे हैं कि जावेद साहब गज़ब की रिश्तेदारी निभाते हैं फिर चाहे कोई देश भक्त हो या फिर कोई दंगाई, शिद्दत से साथ खड़े हो जाते हैं।
यूं तो ताहिर की शान में उनकी तकरीरें कइयों को तकलीफ दे रही है लेकिन ऐसे लोगों को पता नहीं कि जावेद साहब के लिए ताहिर इस लिए जरूरी है क्या ताहिर हुसैन जावेद अख्तर के रिश्तेदार तो नहीं है।
मन ही मन कोस रहे हैं केजरीवाल को।किसी का नहीं हुआ। न ताहिर का और न ही उसकी सोच का। कैसे किनारे कर दिया ताहिर को।
इस केजरीवाल ने एक बार भी अल्ला का नाम नहीं लिया लेकिन पूरे चुनाव में हनुमान चालीसा जरूर पढ़ता रहा। चुनाव जीतने के बाद अल्ला को शुक्रिया करने की जगह हनुमान मंदिर चला गया माथा टेकने। अब ये भी साम्प्रदायिक हो गया है।
विधान सभा शुरू हुई तो वहां भी जय हनुमान का जयघोष करने लगा। इस नामुराद मुख्यमंत्री को क्या क्या नहीं सिखाया था, सेकुलरिज्म का घूंट पिलाया था, रोज़ा इफ्तार में कई जगह खिलाया था। मगर सब पर पानी फेर दिया इस केजरीवाल ने। हद तो तब हो गई जब हमारे हीरो कन्हैया कुमार पर देश द्रोह का मुकदमा भी चलवा रहा है। जावेद साहब माथा पीटते हुए कहते दिख रहे हैं-हद है भाई, इस अच्छे खासे केजरीवाल को क्या हो गया है। ताहिर पर कानून की तलवार लटक रही है और ये कह रहा है कि डबल सजा दो। भई ये तो गलत हो रहा है।
जावेद साहब का मानना है कि ताहिर शांति दूत है। दरअसल जिस गुलेल की बात दिल्ली पुलिस कर रही है उससे वह पेट्रोल बम नहीं फेंक रहा था अपितु वह आक्रोशित लोगों को लिम्का और पेप्सी की बोतलें दे रहा था ताकि उसे पीकर लोगों का गुस्सा शांत हो सके।
ताहिर ने तो उस गुलेल से शांति का पैगाम भेजा लेकिन दंगाइयों ने उसे पढ़ा ही नहीं।
जावेद साहब का कहना है कि उत्तर पूर्व दिल्ली के आग लग चुके कई घरों से ताहिर के पत्र भी बरामद हुए हैं जिसमें अमन की बात की गई है। आशंका है कि दिल्ली पुलिस ने डोभाल के इशारे पर ताहिर के प्रेम पत्रों को गायब कर दिया।
जावेद साहब यह भी मांन रहे हैं कि कुछ पत्रकार ताहिर हुसैन की क्षवि खराब कर रहे हैं। यही वजह है कि ताहिर के घर को लेकर गलत जानकारी फैलाई जा रही है। ताहिर के घर पर पेट्रोल बम की जो बात हो रही है वह निहायत गलत है। वह तो दीपक बना रहा था कि अगर दंगे के दौरान लाइट कट हो जाये तो हिन्दू भाइयों के घर दीपक जलाया जा सके। यही वजह रही कि उसने उस दीपक को हिंदू भाइयों के घर फेंका जिसे आप गलतफहमी में लोग पेट्रोल बम बता रहे हैं।
ताहिर तो प्रेम का पुजारी है। मानवता प्रेमी है।
पीछे से जावेद साहब से किसी ने कान में पूछा कि फि र पुलिस के डर से ताहिर फरार क्यों है ? जावेद साहब ने कहा-ताहिर शांति की तलाश में गया है।
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With thanks & Regards,NARESH TOMAR,DEHRADUN.+919368767620.