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केरल की निमिषा किसे बनी पहले फातिमा और फिर हो गई आईएसआईएस में शामिल आईएसआईएस में शामिल होने वाली इस लड़की का नाम फातिमाहै। यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे कि इस लड़की का असली नाम निमिषा है. निमिषा का आज से 3 साल पहले धर्म परिवर्तन करा दिया और फिर उसे अफगानिस्तान में आईएसआईएस का आतंकवादी बना दिया। आज भी केरल के त्रिवेंद्रम में रहने वाली निशा की मां बिंदु के लिए यह पहेली बनी हुई है, कैसे उसकी बेटी निमिषा, फातिमा ,बनी और उसके बाद आईएसआईएस की आतंकी बन गई।
आज कैसे केरल सहित पुरे भारत में लव जेहाद के जरिए धर्म परिवर्तन करा रहे है। इसकी सबसे बड़ी बानगी केरल में देखने को मिल रही है. कैसे हिंदू और ईसाई युवतियों के साथ लव जेहाद की साजिश रची जा रही है.
होनहार छात्रा बनाना चाहती थी डॉक्टर बन गयी आतकवादी
निमिषा जब फातिमा बनी और फिर आईएसआईएस में शामिल हुई इससे पहले वह पड़ने में बहुत अच्छी छात्रा थी. और नमिषा का घर त्रिवेंद्रम में था. मनीषा का आज से 3 साल पहले धर्म परिवर्तन करा उसे अफगानिस्तान में आईएसआई का आतंकी बना दिया गया. नमिता की याद में इसके परिवार वालों ने घर पर इसकी तस्वीर लगाई हुई है. मनीषा पढ़ने में एक अच्छी छात्रा थी और पेशे से डॉक्टर बनना चाहती थी इसके लिए परिवार वालों ने लाखों रुपए खर्च कर उसका एडमिशन मेडिकल कॉलेज में करा दिया था.
निमिषा के परिवार के सपने तो टूटे हे 3 साल की नाती भी काबुल जेल में बंद
ताकि वह अच्छी डाक्टर बन सके परिवार वालो के आखो में निमिषा के लिया बहुत सरे सपने देख रहे थे की उनकी यह होनहार लड़की एक दिन उनके परिवार का नाम रोशन करेगी।लकिन कुछ दिन बाद मालूम हुआ की वह अफगानिस्तान में फिदायनी बन गयी है। और लेकिन एक दिन एमबीबीएस की पढ़ाई करने गई मनीषा ने इस्लाम कबूल कर लिया। अब इसका नाम हो गया है फातिमा। साल 2000 में उसने ईसाई से मुस्लिम बने एक युवक से निकहा कर लिया है। और अपने पति ईसा उर्फ़ बक्सेन जो उड़ीसा का रहने वाला था उसके साथ आईएसआईएस में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान चली गई। मनीषा ने जिस दौरान अफगानिस्तान जाने का फैसला किया। उस समय उसके पेट में 7 महीने की बच्ची थी। और निमिषा उर्फ़ फातिमा की आज यह बच्ची 3 साल की हो चुकी है. और फातिमा के साथ अफगानिस्तान की जेल में बंद है.जो लड़की डॉक्टर बनना चाहती थी वह आज आतकवादी बन अपनी 3 साल की बच्ची के साथ काट रही है।
जो हिन्दू और ईसाई से मस्लिम बने 21 युवक और यूवती बनी थे फ़िदयान और लड़ने गये अफगानिस्तान
मनीषा की मां बिंदु की बात मानें तो 2016 में 1 दिन मेरी बेटी का फोन आया उसने कहा कि वह श्रीलंका जा रही है. लेकिन कुछ दिनों बाद पता चला कि केरल के 21 लोग गायब है. वे सभी अफगानिस्तान में आईएसआईएस के फिदयन बन चुके हैं. इनमें से एक निमिषा भी थी जब है डॉक्टर की पढ़ाई कर रही थी. तो उस समय उसके परिवार को जरा सा भी अंदाजा नहीं था. कि उसका ऐसे लोग ब्रेनवाश करेंगे। पहले लव जिहाद में फसा कर उसके साथ शादी करेंगे। बाद में उसको एक फिर आतकवादी बनाने का भी काम करेंगे।
पहले लव जिहाद फिर आतकवादी
अमीषा ने एक दिन अचानक अपनी मां से कहा कि वह ईसा उर्फ़ बक्सेन नाम के युवक से शादी करने जा रही है बैकसन ने भी ईसाई धर्म को छोड़ कर इस्लाम धर्म कबूल किया था. अगर निमिषा की मां की बात मानें तो हमारी बेटी पहले लव जिहाद का शिकार हुई उसके बाद मुस्लिम संगठनों की मदद से उसका निकहा ईसा उर्फ़ बक्सेन कराया गया था. हऔर हमारी बेटी के मन में इस्लाम के लिए जान देने वाला जहर खोला गया. फिर यहीं से उसे आईएसआई आतंकी बनाकर अफगानिस्तान भेजने की साजिश रची गई. भारतीय खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक केरल के 21 अफगानिस्तान गए थे वह सभी वहां जाकर आईएसआईएस के आंतकी बन गए थे. इनमें से कुछ आतंकियों को अफगानिस्तान में पकड़ा गया उनमें मिनिषा भी है रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षाबलों की कार्रवाई में बहुत से आंतकी जो भारत से गये थे उनको मारा जा चुका है .
पूर्व डीजीपी डी पी सेन कुमार के अनुसार लॉव जिहाद और फ़िदयान बनना के काम केरल में अब और तेज हो रहा राज्य सरकार नहीं कर रही कार्यवाही
केरल से जो 21 लोग आए हुए थे उनमें से 6 महिलाएं और 3 बच्चे भी हैं केरल में जिहाद के जरिए आतंकी बनाने की यह साजिश लगातार जारी है. केरल के पूर्व डीजीपी डी पी सेन कुमार ने केरल में लव जिहाद और आतंकवादी बनाने पर एक रिपोर्ट तैयार की थी। लेकिन राज्य सरकार ने इस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की रिपोर्ट में कहा है कि केरल में लव जिहाद एक हकीकत है लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। टी पी सेन कुमार पूर्व डीजीपी केरल पिछले कुछ सालों से केरल में धर्म परिवर्तन और लव जेहाद की घटनाएं मैं और तेजी बता रहे हैं. हिंदुओं के साथ-साथ अब ईसाई भी इस खतरे से बहुत ज्यादा परेशान है. लव जिहाद के नाम पर हिंदुओं और ईसाई धर्मों की लड़कियों को टारगेट किया जाता है. केरल के चर्च ने वामपंथी सरकार पर लव जेहाद के मामले की अनदेखी का आरोप लगया है। कासरगोड और मल्लापुरम जैसे इलाकों में फिदाई नहीं बनाने का काम बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. जिसके शिकार वह हिंदू और ईसाई जिनको कन्वर्ट कर मुस्लिम बनाया गया है और जो पहले से मुस्लिम युवक दोनों ही है धर्म परिवर्तन के बाद आईएसआई में शामिल हुए है।
काबुल के जेल में ,भारत सरकार इन आतकवादियो को मानती हे देश के लिए ख़तरनाक
इन लोगों को काबुल की जेल में जैसे ही रखे जाने की खबर आई। उनके परिवार उन्हें वापस भारत लाने के लिए सरकार से गुहार लगाने लगे. लेकिन सुरक्षा एजेंसी से जुड़े कई अधिकारी इन्हें आईएसआई के आतंकवादी मानते हैं. और भारत भारत में लाने के पक्ष में नहीं है. उनका मानना है अगर इनको वापस भारत लाया तो इससे भारत की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है. 2014 में महाराष्ट्र के कल्याण से सीरिया जाकर आई एस आई में शामिल हुए आरिफ माजिद को भी अफगान पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसकी गुव्हर भारत सरकार से उनके परिवार वालो ने लगायी थी लकिन सरकार ने इसको सिरे से ही खारिज क्र दिया था और उनको आतकवादी माना था . सूत्रों के मुताबिक इस मामले में सरकार ने फैसला किया कि वह आईएसआई में शामिल हुए आतंकवाद के खिलाफ कोई भी नरमी नहीं दिखाएंगे।यह देश की लिए खतरा हे।