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प्रदेश के शिक्षा विभाग में दलाल हुए सक्रिय, 3 से 4 लाख में करा रहे है मैट्रो सिटी में तबादले 

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शिक्षा विभाग में तबादलों के लिए दलाल हुए सक्रिय 

  ऐसा ही एक फ्रॉड प्रदेश के शिक्षा विभाग में आज कल देखने  को मिल रहा हे। लेकिन इसकी एक बानगी आज साक्षात प्रदेश के शिक्षकों के तबादले में देखने को मिली है।   
 बेसिक शिक्षा में हर साल शिक्षकों के अंतर्जनपदीय जनपत तबादलों की प्रक्रिया होती है अधिकतर शिक्षक शिक्षिकाएं अपने गृह जनपद के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं. जिन जिलों में छात्र शिक्षक अनुपात मानक के अनुसार है वह इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किए जाते, प्रदेश भर के जिलों से लाखों शिक्षक ऑनलइन फार्म भरे हैं.

 

म्यूच्यूअल तबादले का ही विकल्प बचता है। यहीं से शिक्षकों के तबादले के नाम पर दलालों ने एंट्री मार ली

लेकिन जहां छात्र शिक्षक अनुपात मानक के अनुसार है उनके पास केवल म्यूच्यूअल तबादले का ही विकल्प बचता है। यहीं से शिक्षकों के तबादले के नाम पर दलालों ने एंट्री मार ली है।  दलाल ऐसे शिक्षकों को तलाश रहे हैं जो दूसरे जिले में जाना चाहते हैं. इन्हें बाहर से आने वाले शिक्षकों के साथ म्यूच्यूअल पर लाखों रुपए तक का ऑफर दिया जाता है. दलाल के इस नेटवर्क का दावा है कि उनके संपर्क में दूसरों जिले से तबादला चाहने वाले शिक्षक भी है. म्यूच्यूअल तबादले पर वह उनसे यह पैसा दिलाएंगे।


 शिक्षकों से तबादलों के दलाल ले रहे है ३ लाख से ४ लाख तक ले रहे है, विभाग के अंदर है पूरी सैटिंग  

दलालों का दावा है कि शिक्षा विभाग के भीतर भी दलालों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क काम करता है। जो उन्हें बता देता है कि कौन-कौन लोग तबादला चाहते हैं और प्रदेश के दूसरे जिलों में तैनाती चाहने है शिक्षकों से दलाल ३ लाख से ४ लाख तक ले रहे है।दलाल कह रहे हे की अभी बोली और बढ़ सकती है.

ज्यादातर शिक्षक चाहते है मैट्रो सिटी में तबादला 

काफी शिक्षक और शिक्षाकाऐ मेट्रो सिटी में आने को लेकर परेशान रहते हैं. उनका मुख्य कारण है उनके परिवार के कोई न कोई व्यक्ति मेट्रो सिटी में रहता है इसके लिए कितना भी पैसा देख कर. वह उस मेट्रो वाले स्थान पर तबादला कराना चाहते हैं। इसी का दलाल फायदा उठाते हैं बता जा रहा है जैसे जैसे तबादलों का समय करीब आएगा बोली और बढ़ जाएगी।
दिल्ली से लगते हुए नोएडा गाजियाबाद मेरठ लखनऊ मुरादाबाद सहारनपुर इलाहाबाद गोरखपुर  कुछ ऐसे जिले हैं। जो दलालों के नजरों में हॉट सिटी बने हुए हैं या विभिन्न जनपदों से हजारों की संख्या में शिक्षक व शिक्षिकाएं आना चाहती है. इनमें आने के लिए शिक्षक और  शिक्षिकाएं शामिल है. जिनके पति या परिजन इन मेट्रो सिटी में कार्यरत है

प्रदेश की योगी सरकार पर धब्बा लगा रहे, यह शिक्षा विभाग के यह दलाल 

ऐसे में शिक्षा विभाग पर कहीं ना कहीं यह सवाल खड़ा होता है. किस तरह यह दलाल इतने बड़े दावे करते हैं कि शिक्षा विभाग के अंदर भी उनके लोग कार्यरत हैं. क्या ऐसे में योगी सरकार की जो पारदर्शिता है वह कहीं ना कहीं धूमिल हो रही है. जिन शिक्षकों के पास पैसे नहीं है और वह तबादला चाहते हैं तो इन दलालों की बात सुनने के बाद में ऐसा लगता है. कि वह यह साल भी वही रहेंगे वह ऐसे ही परेशान रहेंगे जहां पर फिलहाल आज वह नौकरी कर रहे हैं.–
With thanks & Regards,NARESH TOMAR,

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