गोरखपुर — .राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक माननीय मोहन भागवत जी ने कहा कि धर्म को गलती से पूजा के साथ जोड़ दिया गया है। पूजा धर्म का एक छोटा हिस्सा है.धर्म सब को जोड़ता और एक बनाकर रखता है. अलग अलग अलग नहीं बिखरने देता। अगर हम सब गरीब वंचित की सेवा करें तो यह है सबसे बड़ी देशभक्ति है।
गणतंत्र दिवस पर सरस्वती शिशु मंदिर में तिरंगा फहराने के दौरान यह बात कही
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक गणतंत्र दिवस पर सरस्वती शिशु मंदिर में तिरंगा फहराने के दौरान यह बात कही। संघ प्रमुख ने कहा कि भारतीय भाषा में धर्म का अपना महत्व है भारत में रहने वाले सभी लोग हिंदू हैं हमारे अपने हैं। जाति प्रथा खत्म हो इसके लिए हम को निरंतर प्रयास करने पड़ेंगे.
सीधे संवाद में विद्यार्थियों के प्रश्नों का जवाब देते हुए
सीधे संवाद में विद्यार्थियों के प्रश्नों का जवाब देते हुए सरसंघचालक जी ने कहा ज्ञान उपार्जन का उद्देश धनार्जन के लिए नहीं होना चाहिए। विद्या उपार्जन का मतलब त्याग है भारत ज्ञान विज्ञान युक्त सकारात्मक चिंता करने वाला देश है। यदि आपके पास विद्या धन और ताकत है तो उसका इस्तेमाल देश समाज के विकास में करें अच्छा देश तभी मेहनत से बनता है. और इसके लिए हमे सत्त कर्मशील बने रहना पड़ता है