नरेश तोमर, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में रविवार को छात्रों के दो गुटों में जमकर मारपीट हुई। इस दौरान कुछ नकाबपोश हमलावर गर्ल्स हॉस्टल में जा घुसे और उन्होंने वहां जमकर तोड़फोड़ की। इस मामले में छात्रों के गुटों ने एक दूसरे पर हमले का आरोप लगाया है। हमले में दो दर्जन ो अधिक छात्र घायल हो गए हैं। घायलों को एम्स में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के अनुसार लेफ्ट ने मारपीट व तोडफ़ोड़ का एबीवीपी पर आरोप लगाया है। जबकि एबीवीपी का कहना है कि यह सब लेफ्ट ने किया है। रविवार देर शाम नकाब पहने 40 से 50 युवकों की भीड़ कैंपस में पहुंची। छात्रों, हॉस्टल, वाहनों आदि पर लाठियों, पत्थरों से हमला किया। इस हमले में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईषी घोष, वरिष्ठ महिला शिक्षक सुचित्रा सेन को सिर में गंभीर चोट आयी हैं। इसके अलावा 30 से अधिक छात्र व शिक्षक भी घायल हुए हैं। इस घटना के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना की निंदा की है। ममता बनर्जी और अन्य कई राजनीति दिलों के नेताओं ने निंदा की है। प्रियंका गांधी इस घटना में घायल छात्रों से मिलने के लिए एम्स पहुंची। जेएनयू में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। पुलिस कैंपस के अदंर गश्त कर रही है और हास्टल में सर्च कर रही है। जेएनयू के अंदर का माहौल पुलिस अधिकारियों ने सामान्य बताया है। वहीं दूसरी ओर जेएनयू के बाहर बड़ी संख्या में छात्र मौजूद है। दोनों गुटों के छात्र एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। दिल्ली में पुलिस मुख्यालय के बाहर भी छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। एम्स ट्रामा सेंटर रात 10.30 बजे तक उनके यहां 23 छात्रों को गंभीर हालत में भर्ती कराया है। इनमें से करीब 12 छात्रों के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष की हालत गंभीर है। इनके अलावा जेएनयू प्रोफेसर सुचित्रा के सिर में भी काफी चोटें हैं। चार घायलों के हाथ में फ्रैक्चर भी है। फिलहाल घायलों का उपचार किया जा रहा है।