उत्तर प्रदेश में प्रदर्शनकारियों के सहारे अपनी जमीन बनाने की तैयारी करती कांग्रेस
उत्तर प्रदेश में अपनी जमीन खो चुकी कांग्रेस पार्टी अब उत्तर प्रदेश में नागरिक संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के बाद हुए बवाल के आरोपियों को मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराने की बात कह कर मुस्लिम वोट बैंक को हथियाने की कोशिश में लग गई लेकिन जिस तरह से कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में आकर इसकी रूपरेखा बनाई है उससे यह बात साफ है कि कांग्रेस ने प्रदेश के विधानसभा चुनावों से पहले ही इस मुद्दे के सहारे अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है ।
यूं तो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का जनाधार ना के बराबर है लेकिन पिछले 19-20 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश में एन आर सी व सी ए ए के विरोध के चलते जमकर उपद्रव व हंगामा हुआ जिसमे तमाम सरकारी संपत्तियों को निशाना बना कर उपद्रवियों ने नुकसान किया लेकिन मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा संदेश देते हुए नुकसान हुई संपत्ति को आरोपियों से बसुलने का आदेश दिया जिसके बाद प्रदेश मैं हजारों उपद्रवियों को चिन्हित कर पुलिस ने उनसे रुपए वसूलने की प्रक्रिया शुरू की जिसके बाद अपरोक्ष रूप से उक्त आंदोलनों का समर्थन कर रहे राजनीतिक दलों में खलबली मच गई ।
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा ने अपनी पार्टी को इस विरोध के सहारे उत्तर प्रदेश में स्थापित करने का अच्छा मौका नजर आया जिसके चलते उन्होंने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रुक कर कई दिनों तक अपनी रणनीति बनाई साथ ही उन्होंने राज्यपाल को देने वाले ज्ञापन की रूपरेखा तैयार की साथ ही कई मांगे राज्यपाल महोदया से की साथ ही उन्होंने अधिवक्ताओं से मिलकर गिरफ्तार प्रदर्शन कारियों को कानूनी मदद देने का प्लान बनाया भी है ।
उत्तर प्रदेश में हुए उपद्रव के बाद जिस तरह से ज्यादातर घटनाओं में एक वर्ग विशेष लोगो के नाम आए है उसके बाद से प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टियों ने उक्त विशेष वर्ग को लुभाने की कोशिश शुरू कर दी लेकिन कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा ने उक्त मुद्दे के सहारे अपनी आक्रामकता दिखाते हुए अपनी रणनीति बनाई है उससे सपा , बसपा पार्टियां बैकफुट पर आ गई है और उन्होंने भी पीड़ित परिजनों के यहां अपनी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल भेजना शुरू कर दिया है । लेकिन अब देखने वाली बात यह है की उत्तर प्रदेश में अपना जनाधार ख़तम कर चुकी कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे के सहारे किस हद तक मुस्लिम समाज में अपनी राजनीतिक पैठ बना पाएगी ।
विनय अग्रवाल, चंदौसी