नरेश तोमर, लखनऊ में लोकभवन में अटल बिहारी चिकित्सा विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वालों से शांति बरतने की अपील की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को खुद से सवाल पूछना चाहिए कि क्या उनका रास्ता सही है। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को बेहतर सार्वजनिक सुविधाएं पाने का हक है लेकिन उनका संरक्षण करना भी उनकी जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री ने लोकभवन में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया और उन्हें श्रद्घांजलि दी। उन्होंने अटल जी की याद करते हुए कहा कि वो कहा करते थे कि जीवन को कभी भी टुकड़ों में नहीं देखा जा सकता। जीवन को हमेशा ही समग्रता में देखना चाहिए। यही बात सरकार के लिए भी सत्य है, सुशासन के लिए भी सत्य है। सुशासन भी तब तक संभव नहीं है, जब तक हम समस्याओं को संपूर्णता में, समग्रता में नहीं देखेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में हमारा मूल्यांकन दो बातों से होगा। पहला, विरासत में मिली समस्याओं को हमने कैसे सुलझाया और दूसरा राष्ट्र के विकास के लिए हमने अपने प्रयासों से कितनी मजबूत नींव रखी। हमें विरासत में अनुच्छेद 370 मिला। उसे हमने हटाया और बहुत आसानी से ऐसा कर दिखाया। अयोध्या मामले का समाधान बड़ी आसानी से निकला। देश की जनता ने इन फैसलों का स्वागत किया। आजादी के बाद से ही हिंदू शरणार्थी एक गरिमामयी जीवन के लिए तड़प रहे थे हमने उन्हें सम्मान दिया। हम आगे भी इसी तरह चुनौतियों को चुनौती देते रहेंगे।