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शिक्षकों के जीपीएफ में गड़बड़ घोटाला, गायब है जमा धनराशि

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अमित कुमार, बलिया: उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के जीपीएफ में घोटाला के सामने आने से जहां हड़कंप मचा है वहीं बलिया जनपद में माध्यमिक शिक्षकों और कर्मचारियों के जीपीएफ में गडबड़झाला सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि 2017 में ही तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक अमर नाथ राय ने वित्त नियंत्रक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय उत्तर प्रदेश इलाहाबाद को पत्र भेजकर गडबडझाले से अवगत करा दिया था। लेकिन उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। श्री राय ने 13 अक्टूबर 2017 को  शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर लंबित भुगतान कैसे किया जाय, निर्देश की अपेक्षा की थी लेकिन आज तक इस पर कोई जवाब नहीं आया।

वित्त नियंत्रक को भेजे गए पत्र के अनुसार माध्यमिक शिक्षा परिषद के 90 अशासकीय विद्यालयों के भविष्य निधि के जमा 1,14,10,92024 रुपये (एक अरब 14 करोड़ 10लाख92हजार 24 रुपये) में से कोषागार बलिया में 31 मार्च 17 तक जीपीएफ 5 करोड़ 14लाख 29 हजार 7सौ 64 रुपये अवशेष है। जबकि 100 करोड़ से अधिक का देयक है। वर्तमान समय में बलिया कोषागार से 1अरब 8 करोड़ 96लाख 62 हजार 2सौ 60 रुपये का पता नहीं है। श्री राय ने यह भी लिखा है कि पहली बार इसकी सूचना वित्त नियंत्रक को 24 अगस्त 2017 को और दूसरी बार 11 सितंबर 2017 को पत्र के माध्यम से सूचित करके सेवानिवृत हो रहे शिक्षकों और कर्मचारियों का भुगतान और अपनी पुत्री की शादी, बीमारी आदि के समय अपने जीपीएफ से ऋण लेने वालों का भुगतान कैसे किया जाय, इस संबंध में मार्गदर्शन करने की विनती की गयी थी, लेकिन कोई जबाब नहीं आया ।

आलम यह है कि इस 1 अरब से अधिक धनराशि कम होने से इसमें घोटाले की बू आ रही है। सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षकों और कर्मचारियों को उनके देयकों का भुगतान कैसे हो, यह विकट संकट खड़ा हो गया है। इसके साथ ही सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया ने 2017 में ही इस घोटाले के होने की जानकारी वित्त नियंत्रक और शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय दोनो को दे दी थी तो इस पर कार्यवाई क्यों नहीं हुई?

अब देखना है कि कब इस गबड़झाले की जानकारी सरकार संज्ञान में लेकर कार्रवाई करती है। इस संबंध में जब वर्तमान जिला विद्यालय निरीक्षक भाष्कर मिश्र से बात की गयी तो कुछ भी कहने से इंकार कर दिये।

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