संभल।दुर्लभ प्रजाति के सैंकड़ों कछुओं को इस गांव के लोग संरक्षित कर रहे हैं। यही नहीं इस काम को ये ग्रामीण पिछले सौ सालों से कर रहे हैं। यह गांव सम्भल जिले की गुन्नौर तहसील का है, जहां गांव के दो तालाबों में इन कछुओं को संरक्षित करने का काम किया किया जा रहा है। इन तालाबों में मौजूद कछुओं की देखभाल गांव के ही लोग करते हैं। बताया जा रहा है कि इन कछुओं को देखने के लिए दूर से सैलानी भी आते हैं। जिला प्रशाशन ने अब इन दुर्भल प्रजाति के कछुओं को संरक्षित करने का कार्य शुरू कर दिया है।
सम्भल की गुन्नौर तहसील के काशीपुर गांव में दो तालाब है। यह गांव गंगा किनारे है। इस गांव के इन दो तालाबों में वर्षों से बड़े बड़े कछुए रहते है। काशी पुर के निवासी शिव नारायण ने बताया कि हमारे गांव में दोनों तालाबों में प्राचीन समय से बहुत बड़ी तादात में कछुए है। यह हमारी प्राचीन धरोहर है हम लोग इन कछुओं का पूरा ख्याल रखते है जबकि एक दो महीने से जिला प्रशाशन ने भी इन तालाबों की साफ सफाई कराई है।
वहीं अंकित कुमार नामक ग्रामीण ने बताया कि हम इन कछुओं की रात में भी जाग कर रखवाली करते हैं। किसी को भी यह कछुए चुराने नहीं देते कई बार असमाजिक तत्व इन्हें चुराने आए लेकिन गांव वालों ने मिलकर इन्हें भगा दिया। सम्भल के जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने बताया की जुनवाई ब्लॉक का काशीपुर गांव गंगा किनारे बसा हुआ है। इस गांव के दो पुराने तालाबों में बहुत बड़ी तादात में कछुए हैं हमने इन तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। तालाब की साफ सफाई भी कराई है, अब इसके सौंदर्यकरण का काम शुरू हो रहा है। यह एक प्राचीन धरोहर है। इसको संरक्षित व विकसित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।