अमित कुमार, बलिया। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर भृगु क्षेत्र बलिया में गंगा में स्नान का पौराणिक इतिहास रहा है। इस शुभ अवसर पर गंगा स्नान का बड़ा महत्व है। इस शुभ अवसर का लाभ उठाने के लिए आस्था का सैलाब बलिया मे उमड़ पड़ा दूरदराज से लाखों की संख्या श्रद्धांलु गंगा नदी के किनारे रात से ही श्रीरामपुर घाट पर पहुंचना शुरू कर दिये। जैसे ही सूर्योदय हुआ लोगों ने एक साथ पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई।
बलिया के बुजुर्गों का कहना है जनपद में कार्तिक पूर्णिमा के दिन महर्षि भृगु मुनि की तपोस्थली और राजा बलि की धरती बलिया कही जाती है। यहां गंगा स्नान करना बहुत शुभ और लाभकारी होता हैं। माँ गंगा की पावन तट पर लाखों का जमावड़ा लगता हैं। जगह-जगह जगराता घाटों पर होता रहता हैं। बलिया में कार्तिक पूर्णिमा का अलग ही महत्व है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने के बाद लोग दान पूर्ण कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। साथ ही महर्षि भृगु के आश्रम में जाकर उनको जल चढ़ाने से सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इसीलिए लाखों की तादात में गंगा स्नान करने आए श्रद्धालु स्नान करने के बाद महर्षि भृगु के आश्रम पहुंचते हैं, जहां महर्षि की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है